आज राष्ट्रवाद में पंजाब की बात, पंजाब में चंद महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले सभी पार्टियां एक दूसरे पर निजी हमला करने में लगी हुई है। सत्ता के लिए कई कार्ड खेले जा रहे हैं। इस बीच कांग्रेस ने पंजाब चुनाव जीतने के लिए बड़ा दांव खेला है। खालिस्तानी समर्थक और गायक सिद्धू मूसेवाला, आज पंजाब के सीएम चन्नी और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू की मौजूदगी में शामिल किया गया है। मूसेवाला कौन है पहले इसको समझिए।
खालिस्तानी समर्थक कांग्रेस को पसंद ?
सिद्धू मूसेवाला आज कांग्रेस में शामिल हो गए। खालिस्तानी विचारधारा को हवा देने में अहम भूमिका रही है। गाने में आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले की तारीफ की थी। गाना 'पंजाब (मेरी मातृभूमि)' शीर्षक के साथ शुरू हुआ था। खालिस्तानी नेता भरपुर सिंह बलबीर के साथ भिंडरावाले को दिखाया गया। गाने में मूसेवाला ने अलगाववाद को खुलकर बढ़ावा दिया। उनके गीत 'बाई बाई' में हथियारों का प्रदर्शन, गीत 'संजू' में हथियारों के इस्तेमाल का महिमामंडन किया।
अमरिंदर सरकार के दौरान दर्ज हुई थी FIR
सिद्धू मूसेवाला के कांग्रेस में शामिल होते ही बीजेपी और अकाली दल ने करारा हमला बोला और कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। वहीं सत्ता पाने के लिए काला अंग्रेज, काली नीयत, बिन दुल्हा बारात, भिखारी, पाकिस्तान, फ्री पॉलिटिक्स, बाहरी समेत कई शब्दों का इस्तेमाल किया जा रहा है। विवाद की शुरुआत पंजाब के सीएम चरनजीत सिंह चन्नी ने की और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को काला अंग्रेज तक कह दिया। इसके बाद केजरीवाल ने चन्नी पर पलटवार किया और कहा कि उनका रंग काला हो सकता है लेकिन उनकी नीयत काली नहीं है। केजरीवाल ने इसे भावनात्मक जोड़ते हुए ये तक कह दिया कि पंजाब की महिलाएं इस काले बेटे को पसंद करती हैं।
केजरीवाल पर अब सिद्धू ने बड़ा पलटवार किया है सिद्धू ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की हालत पंजाब में बिन दुल्हा बारात जैसी है। केजरीवाल को सीएम पद का कोई चेहरा नहीं मिल रहा है और बारात बिना दुल्हे के नाच रही है। केजरीवाल ने पंजाब में फ्री वाला बड़ा दांव भी खेला है। केजरीवाल ने वादा किया है कि अगर पंजाब में उनकी सरकार बनी तो महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये दिए जाएंगे। इस पर पलटवार करते हुए सिद्धू ने कहा कि क्या केजरीवाल पंजाब की मां बेटियों को भिखारी समझते हैं। महिला हित की बात करने वाले केजरीवाल बताएं कि कितनी महिलाओं को दिल्ली में मंत्री बनाया है।
पंजाब में एक तरफ कांग्रेस में अंदरूनी कलह चल रही है। चन्नी और सिद्धू दोनों के बीच कई बार तनातनी सामने आ चुकी है तो दूसरी तरफ केजरीवाल अपना बड़ा दांव ठोक रहे हैं तो कैप्टन के साथ मिलकर बीजेपी भी पूरा जोर लगा रही है।
ऐसे में सवाल हैः-
पंजाब की लड़ाई, निजी हमलों पर आई ?
पंजाब की जवानी और किसानी कौन बचाएगा ?
अबकी बार पंजाब में किसका दांव चलेगा ?
खालिस्तानी समर्थक कांग्रेस को पसंद ?
2022 में पंजाब का 'कैप्टन' कौन ?