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सवाल पब्लिक का: यूपी की लड़ाई में 'अन्न प्रेमी' Vs 'जिन्ना प्रेमी'? 

Updated Jan 17, 2022 | 22:50 IST

उत्तर प्रदेश की चुनावी लड़ाई हर रोज नया मोड़ ले रही है। अखिलेश यादव ने अन्न संकल्प लिया है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश को जवाब देने में देर नहीं की।

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उत्तर प्रदेश चुनाव में अखिलेश और योगी आमने-सामने
मुख्य बातें
  • अन्नदाता बनेगा UP चुनाव का भाग्यविधाता?
  • अखिलेश के 'अन्न संकल्प' पर योगी का सवाल? 
  • किसान को सम्मान किसने दिया..किसने ठगा ?

सवाल पब्लिक का : उत्तर प्रदेश की चुनावी लड़ाई में आज अन्नदाता की सीधी एंट्री हो गई है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अन्न संकल्प लिया है और उनके मुताबिक चुनाव में किसानों से अन्याय और अत्याचार करने वाली बीजेपी को हराएंगे। लेकिन, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश को जवाब देने में देर नहीं की। उन्होंने कहा कि दंगाइयों, अपराधियों और आतंकवादियों का हाथ थामने वाले लोग आज 'अन्न' को हाथ में लेकर ढोंग कर रहे हैं।

समाजवादी पार्टी ने अपना घोषणापत्र अभी जारी नहीं किया है, लेकिन आज किसानों पर अपने प्लान का ऐलान जरूर कर दिया है। अखिलेश यादव ने आज कहा कि उनकी सरकार सभी फसलों पर MSP देगी। गन्ना किसानों को भुगतान 15 दिन के भीतर कर दिया जाएगा। और इसके लिए जरूरत पड़ी तो अलग से फंड बनाएंगे। अखिलेश के मुताबिक किसानों को उनकी सरकार ब्याज मुक्त लोन देगी। किसानों के लिए बीमा और पेंशन व्यवस्था दी जाएगी। अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर कांड में पीड़ित बताए गए किसान नेता तेजिंदर सिंह विर्क को समाजवादी पार्टी में शामिल कराया है और उन्हीं के जरिये अन्न संकल्प भी लिया।

'दंगे की बात, मुद्दा भटकाने की कोशिश'
'किसानों के मुद्दों को भटकाना चाहते हैं'
'किसानों से आह्वान, अन्न संकल्प लें'
'बीजेपी का हराएं, यूपी से हटाएं' 

अखिलेश ने आज किसानों पर बड़ी-बड़ी बातें की हैं। खासकर सरकार बनने पर, राजनीतिक तौर पर संवेदनशील गन्ने की फसल पर 15 दिनों में भुगतान का वादा बड़ा है। लेकिन योगी आदित्यनाथ सरकार का दावा है कि उसने 5 साल में गन्ने पर 1 लाख 52 हजार करोड़ रुपयों का रिकॉर्ड भुगतान किया है। इसमें 10 हजार 659 करोड़ रुपयों का भुगतान पिछली सरकारों के दौरान बकाया था।

उत्तर प्रदेश में गन्ने के भुगतान का आंकड़ा अगर देखा जाए तो 2017 से 2021 के बीच योगी सरकार में 1 लाख 51 हजार 508 करोड़ रुपयों का भुगतान हुआ। जबकि 2012 से 2017 के बीच अखिलेश सरकार में 95 हजार करोड़ रुपयों का भुगतान हुआ।  2007-2012 के बीच मायावती सरकार में 52 हजार करोड़ रुपयों का भुगतान हुआ। किसानों के लिए उठाए गए कदमों को लेकर राजनीतिक दलों के अपने-अपने दावे हैं। लेकिन सवाल ये है कि 1 साल तक चले किसान आंदोलन का असर क्या होगा?

आज केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत से मुलाकात की। कहने को तो वो नरेश टिकैत का हाल-चाल जानने गए थे। लेकिन कल से आज के बीच नरेश टिकैत ने SP-RLD के उम्मीदवारों को समर्थन देने के अपने बयान से किनारा कर लिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन की अगुवाई नरेश टिकैत के भाई राकेश टिकैत ने की थी।

ऐसे में उत्तर प्रदेश के चुनावों को लेकर राकेश टिकैत का स्टैंड बेहद अहम हो सकता है। जब केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की मोदी सरकार से बर्खास्ती जैसी मांगों को लेकर किसान मोर्चा फिर मोदी सरकार पर फिर हमलावर हो रहा है, तब राकेश टिकैत का एक बयान यूपी चुनाव के नजरिये से बेहद अहम हो जाता है। सुनिए उन्होंने योगी आदित्यनाथ के चुनाव को लेकर क्या कहा है।

तो आज सवाल पब्लिक है

1. क्या अखिलेश का 'अन्न संकल्प' चुनावी है?

2. अखिलेश को जिन्ना प्रेमी बताएंगे तो योगी आदित्यनाथ वोट पाएंगे?

3. किसान आंदोलन वाले टिकैत भाई किसके साथ?

4. अजय मिश्रा टेनी पर BJP के सामने 'इधर कुआं उधर खाई'?

5. अन्नदाता बनेगा UP चुनाव का भाग्यविधाता?