उत्तर प्रदेश में जारी चुनावी जंग में दागी उम्मीदवारों को लेकर घमासान मचा हुआ है। हर एक पार्टी अपने दागी उम्मीदवारों को बचा रही है। विपक्षी उसे लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने नाहिद हसन को टिकट दिया तो बीजेपी ने चौरतरफा हमला बोल दिया। इसके बाद आजम खान और उनके बेटे को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी लगातार बीजेपी पर सवाल खड़े कर रही है। हमारी ये रिपोर्ट आपको बताएगी कि चुनाव जीतने के लिए सारी पार्टियां दागी उम्मीदवारों को टिकट देती है। क्योंकि राजनीतिक दलों को ये दाग और दागी दोनों अच्छे
लगते हैं।
सियासत की लड़ाई का सिर्फ एक ही सूत्र होता है। चुनाव में जीत। और इस वैतरणी को पार करने के लिए पार्टियां ऐसे उम्मीदवारों को टिकट देने में संकोच नहीं करती, जिनके ऊपर कत्ल, बलात्कार, भ्रष्टाचार, व्यभिचार के आरोप हों, मुकदमे हों, क्रिमिनल केस हों क्योंकि चुनावी लड़ाई में जीत की चमक पाने के लिए पार्टियों को ऐसे दाग और दागी दोनों अच्छे लगते हैं।
लगभग हर राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों के दामन दागदार हैं। वो चाहे समाजवादी पार्टी हो या फिर बीजेपी या फिर कांग्रेस हो या RLD। क्योंकि इन सभी पार्टियों की एक ही फलसफा है। चुनाव में जीत चाहिए। चाहे उसके लिए दागियों को ही टिकट क्यों ना देना पड़े। इस बार बीजेपी ने जो अपनी पहली और समाजवादी पार्टी ने जितने उम्मीदवारों को टिकट दिया है। उसमें से कई दागदार हैं।
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में किसे कितने दागी पसंद ?
बीजेपी
कुल उम्मीदवार 194
घोषित दागी 78
प्रतिशत 40.2%
समाजवादी पार्टी
कुल उम्मीदवार 159
घोषित दागी 28
प्रतिशत 17.6%
कांग्रेस
कुल उम्मीदवार 166
घोषित दागी 10
प्रतिशत 6%
आरएलडी
कुल उम्मीदवार 32
घोषित दागी 6
प्रतिशत 18.75%
दागियों को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारने में किसी भी पार्टी को कोई हिचकिचाहट नहीं है। बस कोई भी पार्टी आरोपों की बारिश में किसी से पीछे नहीं रहना चाहती है। बीजेपी ने नाहिद हसन को लेकर समाजवादी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
बीजेपी भले ही समाजवादी पार्टी को इस मसले पर घेरना चाहती हो। लेकिन सच इससे अलग है। और आंकड़ें बताते हैं कि दागियों पर भरोसा हर एक राजनीतिक पार्टी को है। वो चाहे बीजेपी हो या समाजवादी पार्टी या फिर बीएसपी। ये अलग बात है कि किसी उम्मीदवार पर पुलिस केस की संख्या कम है। किसी पर ज्यादा।
किसे कितने दागी पसंद ?
उम्मीदवार पार्टी आपराधिक मामले
अतुल प्रधान एसपी 37
योगेश वर्मा एसपी 31
चौधरी बाबूलाल बीजेपी 07
संगीत सोम बीजेपी 06
कपिल देव अग्रवाल बीजेपी 06
नंद किशोर गुर्जर बीजेपी 05
रामनाथ सिकरवार कांग्रेस 10
ये तो सिर्फ झलक भर है। वैसे ये लिस्ट काफी लंबी है। हालांकि ऐसा नहीं है कि पहली बार कोई पार्टी दागियों को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार रही है। इससे पहले साल 2017 के विधानसभा चुनाव में जिन 403 उम्मीदवारों को पूरे राज्य में लोगों ने चुनकर विधानसभा भेजा, उनमें से 147 विधायक ऐसे हैं, जिनके ऊपर कई मामलों में केस दर्ज है।
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में किसे कितने दागी पसंद ?
बीजेपी के 83 विधायकों पर आपराधिक मुकदमे
समाजवादी पार्टी के 11 विधायकों पर केस
बीएसपी के 4 विधायकों पर आपराधिक मुकदमे
कांग्रेस के 1 विधायक के खिलाफ गंभीर मामलों में केस
अन्य 48 विधायकों पर भी केस दर्ज है
चुनाव कोई भी हो। पार्टी कोई भी हो। उम्मीदवारों का दागी होना कोई नई बात नहीं है। नई बात बस यही है कि बीजेपी और समाजवादी
पार्टी एक-दूसरे को इस मसले पर घेरना चाहती है लेकिन सच यही है कि दोनों ही दलों ने दागियों को टिकट देने में कोई कमी नहीं की है।
दागियों पर जुबानी जंग
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव- बीजेपी सबसे बड़ी गुंडा पार्टी है, सरकार के पास गिनाने को काम नहीं।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या- लिस्ट के जरिए एसपी यूपी के लोगों को धमकी दे रही है
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ- दंगाईयों को टिकट देकर एसपी प्रदेश को दंगों की आग में झोंकना चाहती है
बीएसपी अध्यक्ष मायावती- ये पार्टियां यूपी को जंगलराज में ढकेलने के लिए दोषी हैं।
जिन पर आपराधिक मामले हैं
बीजेपी
चौधरी बाबूलाल 07
अमित अग्रवाल 06
संगीत सोम 06
कपिल देव अग्रवाल 06
कमल दत्त शर्मा 06
समाजवादी पार्टी
कैराना से नाहिद हसन- 10 केस
सरधना से अतुल प्रधान- 38 केस
हस्तिनापुर से योगेश वर्मा- 31 केस
धौलाना से असलम अली- 9 केस