- पीएम मोदी ने भाजपा द्वारा आयोजित 'बूथ विजय सम्मेलन' को किया संबोधित
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर किया करारा हमला
- भाजपा की ताकत हैं उसके कार्यकर्ता- पीएम मोदी
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यकर्ताओं को पार्टी की या संगठन की की असली ताकत कहते हैं। चुनाव जीतने के लिए पीएम मोदी का मूल मंत्र है बूथ जीतो चुनाव जीतो और इसी मूलमंत्र के साथ पीएम मोदी ने आज काशी के 8 विधानसभा के 3321 बूथ के करीब 20000 से ज्यादा पदाधिकारीयों के साथ सीधा संवाद किया। पीएम मोदी कार्यकर्ता की ताकत जानते है और उनका मानना हैं कि चुनाव कार्यकर्ता जिताता हैं ना कि नेता। इसीलिए जब पीएम मोदी कार्यकर्ताओं के बीच होते हैं तो खुद नेता नहीं बल्कि एक कार्यकर्ता के तौर पर उनसे मिलते हैं। इसीलिए जब आज पीएम मोदी कार्यकर्ताओं से मिले तो दिल की बात जुबान पर आ गई और काशी से अपने रिश्ते को अपने ही अंदाज में उन्होंने बयां किया।
जब पीएम ने सुनाया पुराना किस्सा
पीएम मोदी ने कहा राजनीति में कुछ लोग किस हद तक नीचे गिर गए हैं। जब काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई, तो मुझे बहुत आनंद आया। मेरे घोर विरोधी भी ये देख रहे हैं कि काशी के लोगों का मुझ पर कितना स्नेह है। मेरी मृत्यु तक न काशी के लोग मुझे छोड़ेंगे और न काशी मुझे छोड़ेगी। 'मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना करना पसंद नहीं करता और ना ही किसी की आलोचना करना चाहता हूं।लेकिन जब सार्वजनिक रूप से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई, तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया, मेरे मन को बहुत सुकून मिला।' इसी बहाने पीएम मोदी ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा जिन्होंने काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के वक़्त पीएम मोदी के वाराणसी दौरे पर कहा था कि आखरी वक़्त में सब काशी आते है।
कार्यकर्ताओं की तारीफ
यही नही पीएम मोदी ने बूथ पदाधिकारियों को ये भी कहा कि मैं वाराणसी के हर घर मे नही जा सकता इसलिए आप लोग हर घर जा कर मेरा प्रणाम कहना। पीएम को पता है कि यही कार्यकर्ता ना सिर्फ घर घर पहुंच सकते है बल्कि मतदाता को बूथ तक लाने का काम भी यही कार्यकर्ता करते है। पीएम मोदी के लिए कार्यकर्ताओ की कितनी अहमियत है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चाहे सीएम हो या पीएम नरेंद्र मोदी सीधे कार्यकर्ताओ से संवाद करने और भरोसा रखते है।
टिफिन बैठक
गुजरात मे सीएम के तौर पर मोदी कार्यकर्ताओ के साथ टिफिन बैठक करते थे जिसमें कार्यकता और खुद मोदी अपना टिफिन लेकर साथ मे भोजन करते थे और संगठन पर चर्चा करते थे। ऐसी ही टिफ़िन बैठक बनारस से सांसद और पीएम बनने के बाद मोदी ने यहां के कार्यकर्ताओं के साथ कि थी जब खुले मैदान में टिफ़िन बैठक में शामिल हुए थे। पीएम मोदी नेताओ की जगह सीधे कार्यकर्ताओ से संपर्क साधने की कोशिश करते है और यही बनारस में भी करते है अपने कार्यकर्ताओं के साथ। क्योकि मोदी भले ही पीएम बन गए हो लेकिन उनके अंदर का कार्यकर्ता अभी भी जिंदा है।