- प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में बूथ कार्यकर्ताओं से किया सीधा संवाद
- प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे बदली काशी की तस्वीर, बीजेपी कार्यकर्ता को बताया पार्टी की ताकत
- पीएम बोले- पहले काशी में घाटों पर, मंदिरों पर बम विस्फोट होते थे और आतंकवादी होते थे बेखौफ
Modi in Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी में 'बूथ विजय सम्मेलन' को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं की तारीफ करते हुए कहा कि जिस पार्टी के पास आप जैसे कर्मठ कार्यकर्ताओं की ताकत हो, उसकी जीत तो सुनिश्चित है ही। पीएम मोदी ने कहा कि बूथ विजय सम्मेलन में आपका ये जोश, आत्मविश्वास दिखता है कि हम हर बूथ भी जीतेंगे। साथ ही पूरे क्षेत्र में फुल स्कोर भी करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि मुझ जैसे कार्यकर्ता को पार्टी ने बनारस भेजा और मुझे बनारस मिल गया। मैं बनारस का ही होकर रह गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी की सेवा का, महादेव और मां गंगा के चरणों पर बैठने का जो पुण्य लाभ मुझे मिला है, ये मुझे पार्टी ने ही दिया है।
भाजपा की ताकत है उसका कार्यकर्ता
प्रधानमंत्री ने कहा, 'भाजपा कार्यकर्ता देश के लिए काम करते हैं, अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर, इदं न मम् के भाव से काम करते हैं। हम सभी के लिए हमेशा से ‘व्यक्ति से ऊपर दल, और दल से ऊपर देश’ रहा है। हम चुनाव जीतते हैं लेकिन साथ ही लोगों का दिल भी जीतते हैं। पहले जिन घोर परिवारवादियों ने सरकार चलाई उनकी पार्टी की पहचान के साथ गुंडागर्दी और माफियावाद जुड़ा हुआ है। भाजपा की पहचान उनका कार्यकर्ता है। भाजपा कार्यकर्ता की पहचान उसकी सेवा है। कोरोना काल इसका ताजा उदाहरण है। अभी शिवरात्रि आने वाली है। पूरे देश से लोग काशी आएंगे। बाबा भोलेनाथ के दर्शन के लिए लोग घंटों तक लाइन में लगते हैं। काशी में आए बाबा के भक्त बाबा के ही रूप होते हैं। हमें इसी भाव के साथ हर श्रद्धालु की सेवा करनी है।'
जब की गई मेरी मौत की कामना
एक प्रसंग को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना करना पसंद नहीं करता और ना ही किसी की आलोचना करना चाहता हूं। लेकिन जब सार्वजनिक रूप से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई, तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया, मेरे मन को बहुत सुकून मिला। मुझे लगा कि मेरे घोर विरोधी भी ये देख रहे हैं कि काशी के लोगों का मुझ पर कितना स्नेह है। उन लोगों ने तो मेरे मन की मुराद पूरी कर दी। इसका मतलब ये कि मेरी मृत्यु तक ना काशी के लोग मुझे छोड़ेंगे और ना ही काशी मुझे छोड़ेगी।'
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काशी का जिक्र करते हुए प्रधामंत्री ने कहा, 'काशी में घाटों पर, मंदिरों पर बम विस्फोट होते थे। आतंकवादी बेखौफ थे, क्योंकि तब की समाजवादी सरकार उनके साथ थी। सरकार आतंकियों से खुलेआम मुकदमे वापस ले रही थी। लेकिन, काशी कोतवाल बाबा कालभैरव के आगे इनकी चलने वाली थी क्या? त्रिशूल के आगे कोई माफिया, कोई आतंकी कभी टिक सकता है क्या? आज सब अपने ठिकाने पर है और कालजयी काशी है देश को दिशा दिखा रही है। कुछ दिन पहले मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा भी बनारस को आशीर्वाद देने फिर से स्थापित हो गई है।'
राजनीतिक को बताया सेवा
राजनीति को सेवा बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'हम सेवा करने के लिए ही राजनीति में आए हैं। ये एक-दो दिन की रिहर्सल नहीं, एक दो साल का कोर्स नहीं है, बल्कि सेवा एक माहयज्ञ है, जो जीवन की आखिरी सांस तक अनवरत चलते रहना चाहिए। काशी तो अविनाशी कही जाती है। और काशी के लोग जब विश्वनाथ धाम परियोजना को लेकर गर्व का अनुभव कर रहे थे, तो उस समय हमने एक और अनुभव किया। हम सभी ने देखा कि भारत की राजनीति में कुछ लोग किस हद तक नीचे गिर गए हैं।'