- कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेठी में किया जनसभा को संबोधित
- राहुल गांधी ने रोजगार के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा
- प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार और यूपी सरकार को किया कटघरे में खड़ा
अमेठी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज यूपी चुनाव के लिए अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र अमेठी में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा, 'पूरा उत्तर प्रदेश जानता है कि भारत के प्रधानमंत्री आकर वोट लेने के लिए कुछ भी बोल जाएंगे। पूरा देश जानता है कि नरेंद्र मोदी ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा किया था और फिर तीन क़ाले क़ानून लागू किए।'
केंद्र सरकार को घेरा
रोजगार के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'जब वे (भाजपा) कहते हैं कि हमारे 70 वर्षों में कुछ नहीं हुआ, तो उनका वास्तव में मतलब था कि इन 70 वर्षों में अंबानी, अदानी के लिए कुछ नहीं हुआ... याद रखें, भारत के सबसे बड़े अरबपति रोजगार नहीं देते, छोटे दुकानदार, व्यापारी और किसान रोजगार देते हैं।' राहुल गांधी ने कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि इन क़ानूनों का लक्ष्य था, कि जो आज किसानों को मिलता हैं वह उनसे छीनकर भारत के सबसे बड़े 4-5 अरबपतियों को दे दिया जाएं।
प्रियंका ने भी साधा निशाना
कोविड के मसले पर केंद्र सरकार को घेरते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'भारत के रोजगार क्षेत्र की रीढ़ को पीएम नरेंद्र मोदी और उनके दोस्तों ने खत्म कर दिया है। आप देखेंगे कि आने वाले समय में इस देश के युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा, आप जितना चाहें, उन्हें पढ़ाएं। कोविड के दौरान किसी ने मेरी नहीं सुनी, लेकिन आपने गंगा में शव देखे।' इस दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी चुनावी जनसभा को संबोधित किया और कहा, 'इन 5 सालों में कितनों को रोज़गार मिला है?, इन्होंने जो जानबूझकर 12 लाख सरकारी पदों को खाली रखा है उसे हम सबसे पहले भरेंगे। इसकी हमने पूरी लिस्ट बनाई हुई है। इसके अलावा हम 8 लाख नए रोज़गार देंगे।'
प्रियंका गांधी ने बीजेपी के अलावा सपा और बसपा को भी निशाने पर लिया और कहा, 'आपने इनकी ( सपा, बसपा, बीजेपी) आदत डाल दी है कि धर्म और जाति की बात करेंगे, ध्रुवीकरण करके सत्ता में आएंगे। प्रियंका ने मतदाता को आगाह किया की अगर गलत पार्टी को चुनेंगे तो आप 5 साल पछतायेंगे। उन्होंने पूछा की महिलाओं पर अत्याचार होने पर ना तो मायावती निकलती है, ना अखिलेश निकलते हैं और न ही योगी– मोदी।'