- केंद्र सरकार की योजनाओं को योगी सरकार ने अच्छी तरह पहनाया राज्य में अमली जामा
- यूपी में बना वोटर क्लास जिसे कहा जा रहा लाभार्थि मतदाता का नाम
- डबल इंजन की सरकार ने लगाया है योगी सरकार का बेड़ा पार
नई दिल्ली: योगी आदित्यनाथ यूपी में का बा वाले सवालों का करारा जवाब देते हुए लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज होते दिख रहे हैं। उत्तर प्रदेश की 20 करोड़ जनता ने एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व पर भरोसा जताया है। 403 सीटों वाली विधानसभा में 5 साल बाद 250 सीटों के पार पहुंचती दिख रही है।
उत्तर प्रदेश की सत्ता पर भाजपा की वापसी का श्रेय योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व को जाता है लेकिन केंद्र सरकार की कई योजनाओं ने उनकी वापसी में अहम भूमिका अदा की है। आइए ऐसी ही कुछ योजनाओं पर नजर डालते हैं जिनके बेहतर इम्पलीमेंटेशन का फायदा भाजपा को तमाम विवादों और विरोध के बावजूद यूपी में मिला। राज्य में एक नए मतदाता वर्ग का उदय हुआ, जिसे लाभार्थी मतदाता कहा जा रहा है। उसने जाति, मजहब से परे भाजपा के पक्ष में वोट किया।
फ्री राशन:
पूरे देश में कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार ने गरीब लोगों को फ्री में राशन दिया। उत्तर प्रदेश में कोरोना के दौरान केंद्र सरकार की इस योजना से 15 करोड़ लोगों को लाभ मिला। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पांच महीने का राशन फ्री में दिया। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर के दौरान पूरे प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोया और गरीबों का घर अन्न से भरा रहा।
पीएम किसान सम्मान निधि:
पीएम किसान योजना का फायदा किसान आंदोलन के बावजूद पूरे प्रदेश में किसानों को मिला। इस योजना के अंतर्गत हर चार महीने पर दो-दो हजार रुपये किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते हैं। तीन किस्तों में कुल छह हजार रुपये सालाना सीधे किसान के खाते में आते हैं जिसका उपयोग वह बीज, खाद खरीदने के साथ-साथ अन्य कार्यों में किया। इस योजना ने किसान को साहूकारों के चंगुल में फंसने से बचाया। यूपी के 2.82 करोड़ किसानों को इस योजना के लाभार्थी बने। ऐसे में इसका फायदा योगी सरकार को चुनाव में हुआ।
प्रधानमंत्री आवास योजना:
पीएम आवास योजना ने उत्तर प्रदेश के गरीबों के पक्के घर का सपना पूरा किया। इंदिरा आवास योजना जैसी योजनाओं के सालों से चलने के बाद भी गरीबों के सिर पर पक्की छत नहीं थी। लेकिन गरीब इस बात खुश हैं कि उन्हें घर मिल गया है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के घर-घर शौचालय भी बने जो केंद्र की मोदी और राज्य में योगी सरकार के आने से पहले नहीं हो सका था। योगी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में शहरी क्षेत्र में 18 लाख और ग्रामीण क्षेत्र में 22 लाख सहित कुल 40 लाख आवास लोगों को मिले।
ई-श्रम योजना:
केंद्र सरकार की ई श्रम योजना का फायदा ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को मिला है। इस योजना के अंतर्गत असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे मजदूरों के खाते में सरकार हर महीने 500 रुपये सीधे खाते में डाल रही है। इस योजना का लाभ पाने के लिए उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन ई-श्रम पोर्टल पर करवाना पड़ता है। चुनावी तारीखों के ऐलान से पहले मजदूरों के खाते में एक किश्त आ चुकी है। कोरोना काल में दूसरी लहर के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने मनरेगा के अंतर्गत अपना काम छोड़कर गांव लौटने वाले मजदूरों काम दिया था। जिसके कारण वो अपने परिवार का पालनपोषण कर सके थे।
फ्री कोरोना वैक्सीनेशन:
राज्य सरकार ने कोरोना के दौरान पूरे राज्य में लोगों को फ्री वैक्सीन लगाने का ऐलान किया था। लोगों को कोरोना से बचाने के लिए योगी सरकार ने घर-घर सर्वे किया और लोगों को वैक्सीनेशन करवाने का प्रबंध किया। इसके अलावा कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों के प्रबंधन की भी योगी सरकार की तारीफ हुई थी। जिसका फायदा योगी सरकार को विधानसभा चुनाव में मिला है।