- हरीश रावत को लगता है कि राज्य के चुनाव में उन्हें हाशिए पर किया जा रहा है
- बुधवार को अपने एक ट्वीट में रावत ने कहा कि उनके पीछे 'मगरमच्छ' पड़ गए हैं
- रावत ने चुनाव के समय पार्टी संगठन से सहयोग न मिलने की बात कही है
नई दिल्ली : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले हरीश रावत के ट्वीट से कांग्रेस में खलबली मची हुई है। वरिष्ठ नेता के इस असंतोष को अब पार्टी शांत करना चाहती है। कांग्रेस ने हरीश रावत, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल सहित उत्तराखंड के अपने बड़े नेताओं को दिल्ली में बैठक के लिए बुलाया है। समझा जाता है कि राहुल गांधी के साथ होने वाली इस बैठक में रावत की चिंताओं एवं आपत्तियों का समाधान निकाला जाएगा। उत्तराखंड के नेताओं के साथ राहुल गांधी की आज की बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
बाद में अपने ट्वीट पर दी सफाई
बता दें कि बुधवार को हरीश रावत ने ट्वीट किया कि 'उनके पीछे मगरमच्छ पड़े हैं। चुनाव के समय पार्टी संगठन ने उनसे मुंह फेर लिया है। नए साल पर वह कोई फैसला कर सकते हैं।' जाहिर है कि पूर्व सीएम के इस ट्वीट से कांग्रेस में खलबली मच गई। हालांकि, बाद में रावत ने अपने तेवर नरम किए और कहा कि यह एक सामान्य ट्वीट था। हालांकि, जानकार मानते हैं कि हरीश रावत खुद को सीएम पद का चेहरा घोषित कराना चाहते हैं। रावत कहते आ रहे हैं कि पार्टी को सीएम पद का चेहरा घोषित करना चाहिए। इससे चुनाव में पार्टी को लाभ होगा। जबकि कांग्रेस आलाकमान चाहता है कि पार्टी इस राज्य में सामूहिक रूप से चुनाव लड़े।
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रावत के खिलाफ पोस्टर
रावत के इस ट्वीट को कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने की एक रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है। साथ ही राज्य में नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी के बीच गुटबाजी और तालमेल की कमी भी उभरी है। उत्तराखंड कांग्रेस युवा मंच की तरफ से शुक्रवार को पोस्टर जारी किया गया। इस पोस्टर में रावत पर निशाना साधा गया है। पोस्टर में लिखा है 'हरीश रावत का डोल चुका है ईमान, उनके मन में बैठा है बेईमान। राहुल जी युवाओं के हाथ दीजिए उत्तराखंड की कमान।' जाहिर कि चुनाव में दोनों गुट अपना वर्चस्व बनाए रखना चाहता है।
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इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने उम्मीद जताई है कि आज की बैठक में सभी समस्याओं का हल निकल जाएगा। फिर कांग्रेस पूरी ताकत के साथ चुनाव में उतरेगी।