- बॉबी देओल की वेब सीरीज आश्रम का लंबे टाइम से दर्शकों को इंतजार था।
- आश्रम का दूसरा सीजन फैंस के लिए 11 नवंबर को MX Player पर रिलीज कर दिया गया है।
- आश्रम-2 रिलीज होते ही फैन्स का बॉबी देओल को भरपूर प्यार मिल रहा है।
फिल्म निर्माता प्रकाश झा आश्रम चैप्टर 2- द डार्क साइड के साथ लौट आए हैं। बॉबी देओल की इस वेब सीरीज का लंबे टाइम से दर्शकों को इंतजार था। आश्रम का दूसरा पार्ट पहले भाग में क्रिएट हुईं सभी मिस्ट्री से पर्दा उठाने वाला है। बाबा निराला की भूमिका में दिखाई दे रहे बॉबी देओल की वेब सीरीज आश्रम एक क्राइम-थ्रिलर ड्रामा है, जो नकली ईश्वरवादियों के इर्द-गिर्द घूमती है।
आश्रम का दूसरा सीजन फैंस के लिए 11 नवंबर को MX Player पर रिलीज कर दिया गया है। फैन्स के लिए इस प्लेटफॉर्म पर फ्री स्ट्रीम हो रही है। आश्रम-2 रिलीज होते ही फैन्स का बॉबी देओल को भरपूर प्यार मिल रहा है। दर्शकों को आश्रम चैप्टर 2- द डार्क साइड काफी पसंद आ रही है।
यूजर्स सोशल मीडिया पर इसकी तारीफ कर रहे हैं और कईयों ने कुछ ही घंटों में इसके सभी एपिसोड देख डाले हैं। इतना ही नहीं ऑडियंस इसके डायलॉग बाकी दिलचस्प लग रहे हैं। साथ ही आश्रम चैप्टर 3 का इंतजार भी शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर आश्रम 3 बाकी ट्रेंड कर रहा है। बता दें, आश्रम में बॉबी देओल लीड रोल में हैं। इसके अलावा अध्ययन सुमन, अनुप्रिया गोयनका, अनुरीता झा, हुकुम सिंह लीड रोल में हैं। इस वेब सीरीज को प्रकाश झा ने डायरेक्ट किया है।
बॉबी देओल को ही कास्ट करना चाहते थे प्रकाश झा
प्रकाश झा ने एक इंटरव्यू में बताया कि बॉबी ने सीजन 2 के लिए शानदार तैयारी की है। वह एक शानदार अभिनेता है, और उसके पास एक ऐसा व्यक्तित्व है जो विश्वसनीय, दिलकश और पंसद किया जाने वाला है। लेकिन जब वो इस तरह के किरदार को करेंगे तो फैन्स के लिए यह चौंकाने वाला होगा। इसलिए मैं उसे कास्ट करना चाहता था। मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि उन्हें भूमिका पसंद आई और उन्होंने इसे अच्छे से निभाया।
आश्रम में बॉबी देओल का किरदार उन सभी बाबाओं की तरह है जो दिव्य और विश्वसनीय लगते हैं। जब उनकी गहराई में जाना शुरू करते हैं, तो आपको पता चलता है कि वे अंदर से खोखले हैं। मासूम लोग उन पर भरोसा और विश्वास करके फंस जाते हैं। फिर उनका शोषण होता रहता है।
आश्रम पर हो रही कॉन्ट्रोवर्सी को लेकर प्रकाश झा ने बात की है। प्रकाश झा का कहना है कि आप हर समय अपने घर की सुरक्षा में नहीं बैठ सकते। मैं हमेशा अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आने की कोशिश करता हूं, तभी हम कुछ क्रिएटिव बना सकते हैं। मेरे सभी प्रोजेक्ट डिबेट वाले विषय पर होते हैं इसी कारण उनको रिलीज से पहले किसी ना किसी तरह के विवाद का सामना करना पड़ता है। आरक्षण की रिलीज से पहले ही चार राज्यों में इसे बैन कर दिया गया था। एक बार जब यह रिलीज हुई तो वही लोग फिल्म की सराहना करते हुए, फूल लेकर मेरे ऑफिस आए। आश्रम के पहले पार्ट की रिलीज के बाद कोई बहस नहीं हुई। हर कोई दूसरे पार्ट को भी खुशी से देखेगा। यह सब जिंदगी और बिजनेस का हिस्सा है। मैं हमेशा सही समझ और जिम्मेदारी के साथ अच्छी कहानियां बताने में विश्वास करता हूं।
ऐसी है आश्रम की कहानी
आश्रम फिल्म की कहानी काल्पनिक शहर काशीपुर पर आधारित है,जहां एक स्वयंभू भगवान बाबा निराला के कई भक्त हैं। निराला बाबा के भक्त उन पर आंख मूंदकर विश्वास करते हैं। निराला बाबा जीवन भर लोगों को आश्रम से जुड़े रहने के लिए बहुत सारी संपत्ति दान करने के लिए प्रेरित करता है। इस दौरान एक लड़की पम्मी उसके जाल में फंस जाती हैं। आश्रम की कहानी ड्रग्स, रेप, नरसंहार और राजनीति के ईर्द-गिर्द घूमती है।