- 'लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड' की शुरुआत की गई है
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहला अवॉर्ड दिया गया
- सामारोह में लता दीदी की यादों के ताजा किया गया
Lata Deenanath Mangeshkar Award: लता मंगेशकर के नाम पर 'लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड' की शुरुआत की गई है। पहला लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया गया है। आज (24 अप्रैल) लता मंगेशकर के पिता मास्टर दीनानाथ मंगेशकर की 80वीं पुण्य तिथि पर पीएम मोदी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मुंबई में आयोजित सामारोह में इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'मैं संगीत जैसे गहन विषय का जानकार तो नहीं हूं, लेकिन सांस्कृतिक बोध से मैं ये महसूस करता हूं कि संगीत एक साधना भी है, और भावना भी। जो अव्यक्त को व्यक्त कर दे- वो शब्द है। जो व्यक्त में ऊर्जा का, चेतना का संचार कर दे- वो नाद है। और जो चेतन में भाव और भावना भर दे, उसे सृष्टि और संवेदना की पराकाष्ठा तक पहुंचा दे- वो संगीत है।'
'लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड' में आशा भोसले ने दीदी को याद किया। इस दौरान ना सिर्फ उन्होंने लता दीदी की यादों को ताजा किया बल्कि उनकी थोड़ी सी मिमिक्री भी करके दिखाई। एक वीडियो सामने आया है जिसमें आशा भोसले ने बताया कि जब उनसे उस जमाने में एक गाना गवाया गया जो कि था 'आएगा आने वाला, आएगा-आएगा...' इसी गाने के साथ-साथ उनका वक्त आ गया। उनका वक्त आने के बाद उन्होंने प्रोड्यूसर के कहा कि मेरा नाम मेरे रिकॉर्ड पर आना चाहिए लता मंगेशकर...। आशा भोसले की ये बात सुनकर सभागार में बैठे पीएम मोदी भी मुस्कुराते हुए दिखे।
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लता मंगेशकर का दुनिया से चले जाना वास्तव में भारत के लिए एक युग का अंत है! स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण 92 साल की लता मंगेशकर ने 6 फरवरी, 2022 को आखिरी सांस ली थी। लता दीदी ने अपने जीवनकाल में कभी शादी नहीं की और वो पीएम नरेंद्र मोदी के बेहद करीब थीं। पीएम नरेंद्र मोदी उनको अपनी बड़ी बहन मानते थे।
लता मंगेशकर अपने सभी भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। उसके बाद मीना खादीकर, आशा भोसले, उषा मंगेशकर और सबसे छोटे हृदयनाथ मंगेशकर हैं। फिलहाल हृदयनाथ मंगेशकर का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उनको मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसी वजह वो लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड' का हिस्सा नहीं बन सके।