- लद्दाख के गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई है
- सीमा पर तनाव को के बीच बॉलीवुड सेलेब्रिटीज ने शहीदों को सलाम किया है
- भारत-चीन सीमा पर मई के पहले सप्ताह से तनाव एवं गतिरोध जारी है
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अतिक्रमण को लेकर भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है। सीमा पर जारी तनाव सोमवार की रात को हिंसक झड़प में तब्दील हो गया। गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि ये संख्या बढ़ भी सकती है। वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि इस हिंसक झड़प में चीन के सैनिकों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। ये घटना तब हुई जब दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी। इस बीच बॉलीवुड सेलेब्रिटीज ने भारतीय जवानों की शहादत को सलाम किया है।
'जरा आंख में भर लो पानी'
अमिताभ बच्चन ने सैनिकों की शहादत को सलमा करने हुए ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने हमारे देश की रक्षा के लिए, हमें सुरक्षित रखने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। भारतीय सेना के ऑफिसर्स और जवानों को सलाम! जय हिन्द। अमिताभ ने साथ ही मशहूर देशभक्ति गीत ऐ मेरे वतन के लोगों की चंद लाइन भी लिखीं। उन्होंने लिखा, 'जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुर्बानी।' वहीं, बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने लिखा कि गलवान घाटी में हमारे बहादुरों की मौत से गहरा दुख हुआ। राष्ट्र के लिए उनकी अमूल्य सेवा के लिए हम सदैव उनके ऋणी रहेंगे। उनके परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।
'बलिदान देने वाला सैनिकों को सलाम'
फिल्ममेकर अशोक पंडित ने लिखा कि चीन के खिलाफ हमारी सीमाओं की रक्षा करते हुए अपना बलिदान देने वाला सैनिकों को सलाम। सैनिकों के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं। वहीं, आयुष्मान खुराना स्टारर फिल्म 'ड्रीम गर्ल' के डायरेक्टर राज शांडल्य ने कहा कि जरुरत पड़ी तो देश के लिए कलम छोड़कर बंदूक उठाने में वक्त नहीं लगाऊंगा...जय हिन्द जय भारत। इनके अलावा अभिनेता अनुपम खेर ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, भारतीय सेना की जय। जय हिन्द।'
भारतीय सेना ने बयान जारी किया
गलवान घाटी की हिंसा पर सेना ने अपना बयान जारी किया। सेना का कहना है कि 15/16 जून की रात गलवान घाटी के जिस स्थान पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़क हुई, उस स्थान से दोनों देशों की सेना पीछे हट गई हैं। गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी निभाते समय गंभीर रूप से घायल 17 जवान अत्यंत ऊंचाई पर शून्य तापमान से नीचे मौसम का सामना नहीं कर पाए। जख्मी हालत में होने के चलते सेना ने अपने 17 जवानों को खो दिया। इस तरह से इस हिंसा में कुल 20 जवानों की मौत हो गई।