Bollywood Throwback Raaj Kumar: बॉलीवुड में अपनी आवाज से अलग पहचान रखने वाले दिग्गज सुपरस्टार राज कुमार हिंदी सिनेमा का वो नायाब हीरा थे, जिसकी चमक उसके चले जाने के बाद भी दिखाई देती है। 3 जुलाई 1996 को गले के कैंसर के कारण 69 साल की उम्र में इस दुनिया से जाने वाले राज कुमार आज भी फैंस के दिलों में जिंदा हैं। उनका जन्म 8 अक्टूबर 1929 को पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान में हुआ था और वह भारत आए।
कई दशक तक सिनेमा पर राज करने वाले राज कुमार ने कई हिट फिल्में दीं। एक दौर था जब राज कुमार का किसी फिल्म में होना ही उसके हिट होने की गारंटी था। पैगाम, वक्त, नीलकमल, पाकीजा, मर्यादा, हीर रांझा, सौदागर जैसी बेहतरीन फिल्मों में राज कुमार का अभिनय देखने को मिला। हालांकि यह भी सच है कि राज कुमार का असली नाम बहुत कम लोगों को मालूम है। राज कुमार उनका फिल्मी नाम था। उनके माता पिता ने उन्हें जो नाम दिया और जिस नाम से वह फिल्मों में आने से पहले तक जाने जाते थे वह था 'कुलभूषण पंडित'।
मुंबई पुलिस में थे सब इंस्पेक्टर
राज कुमार फिल्मों में आने से पहले मुंबई के माहिम थाने में सब इंस्पेक्टर के रूप में कार्यरत थे। एक दिन रात में गश्त के दौरान एक सिपाही ने राज कुमार से कहा कि हजूर आप रंग-ढंग और कद-काठी में किसी हीरो से कम नहीं है। फिल्मों में यदि आप हीरो बन जाएं तो लाखों दिलों पर राज कर सकते हैं और राज कुमार को सिपाही की यह बात जंच गयी। एक बार निर्माता बलदेव दुबे थाने में पहुंचे और राज कुमार के बातचीत करने के अंदाज से काफी प्रभावित हुए। वो उस वक्त अपनी फिल्म 'शाही बाजार' पर काम कर रहे थे और उन्होंने राज कुमार को काम देने की पेशकश कर दी।
परिवार को बताई थी आखिरी इच्छा
राज कुमार को गले में कैंसर का खुलासा हुआ। उन्हें खाने पीने से लेकर सांस लेने तक में काफी परेशानी होने लगी थी। तब उन्होंने अपने पूरे परिवार को बुलाया। सब पहुंच गए थे, तब उन्होंने अपनी अंतिम इच्छा बताई। राज कुमार ने कहा कि मेरे निधन के बाद पहले क्रिया कर्म करना और उसके बाद ही किसी की खबर करना। उनका मानना था कि मरने के बाद सबको बुलाकर नौटंकी करना बेकार होता है।