- कंगना रनौत को अवैध निर्माण मामले में झटका लगा है।
- कंगना रनौत ने बीएमसी की कार्रवाई के बाद कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
- कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।
मुंबई. कंगना रनौत के बांद्रा स्थित ऑफिस के अवैध निर्माण में सिविल कोर्ट से झटका लगा है। कंगना रनौत ने बीएमसी की कार्रवाई के बाद कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने इस मामले में फैसला 17 दिसंबर 2020 को दिया था। वहीं, 28 दिसंबर को फैसले की कॉपी उपलब्ध कराई गई थी। फैसले में कोर्ट ने कहा कि कंगना ने नियमों का उल्लंघन किया है।
फैसल में जज एलएस चव्हाण ने कहा कि 16 मंजिल की बिल्डिंग की पाचवीं मंजिल पर तीन फ्लैट्स को मिलाते समय कंगना ने संक एरिया, डक्ट एरिया और कॉमन पैसेज को कवर कर दिया। इसके अलावा खुली रहने वाली जगह को रहने वाली जगह में शामिल कर लिया।
दखल देने की जरूरत नहीं
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में अब कोई भी दखल दिए जाने की जरूरत नहीं है। कंगना को इस फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील करने के लिए छह हफ्ते का वक्त दिया है।
कंगना के वकील ने कोर्ट से अपील की है कि छह हफ्ते से पहले बीएमसी को कार्रवाई करने से रोका जाए। कंगना रनौत के दफ्तर में तोड़फोड़ के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को कड़ी फटकार लगाई और बीएमसी के नोटिस को रद्द कर दिया।
सोशल मीडिया पर दी प्रतिक्रिया
कंगना ने कोर्ट के फैसले पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी है। कंगना ने लिखा- महाविनाशकारी सरकार का फर्जी प्रोपोगैंडा, मैंने कोई फ्लैट को ज्वाइन नहीं किया है। पूरी बिल्डिंग ऐसी ही बनी है।
कंगना ने ट्वीट में आगे लिखा, 'हर एक फ्लोर में एक अपार्टमेंट, ऐसे ही मैंने इसे खरीदा था। बीएमसी पूरी बिल्डिंग में केवल मेरा ही शोषण कर रही है। मैं हाई कोर्ट में इसे लड़ूंगी।'