- टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का निधन हो गया है।
- साइरस मिस्त्री के दादाजी शापूरजी पालोनजी ने फिल्म मुगल-ए-आजम बनाई थी।
- फिल्म में शपूरजी पालोनजी ने पानी की तरह पैसा बहाया था।
Cyrus Mistry Mughal-E-Azam connection: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का निधन हो गया है। अहमदाबाद से मुंबई जाने के दौरान पालघर में उनकी कार एक डिवाइडर से टकरा गई । कार में मौजूद चार में से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। उद्योगपति साइरस मिस्त्री का ऐतिहासिक फिल्म मुगल- ए-आजम से भी खास कनेक्शन है। मुगल-ए-आजम फिल्म स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड ने बनाई थी। इस कंपनी के मालिक शापूरजी पालोनजी साइरस मिस्त्री के दादाजी थे।
साल 1960 में आई फिल्म मुगल-ए-आजम भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर है। फिल्म में दिलीप कुमार, मधुबाला, पृथ्वीराज कपूर और दुर्गा खोटे अहम रोल में थे। फिल्म को बनाने में 14 साल का लंबा वक्त लगा था। भव्य सेट, बड़ी स्टारकास्ट और डायरेक्टर की फीस के कारण फिल्म का बजट लगभग एक से डेढ़ करोड़ रुपए था। ऐसे में साइरस मिस्त्री के दादाजी शपूरजी पालोनजी ने पैसे को पानी की तरह बहाया था। हालांकि, एक वक्त ऐसे भी आया जब वह फिल्म में और ज्यादा पैसा खर्च करना नहीं चाहते थे।
केवल एक गाने में खर्च हुए 15 लाख रुपए
मुगल-ए-आजम का गाना 'जब प्यार किया तो डरना क्या' आज भी गुनगुनाया जाता है। इस गाने की शूटिंग में ही लगभग 15 लाख रुपए का खर्च हुआ था। गाने के लिए लाहौर के शीशों के महल का सेट बनाया गया था। इसमें दो साल का वक्त लगा था। वहीं, कई बार फिल्म के सेट डायरेक्टर के.अब्बास के विजन से नहीं मिलते थे तो उन्हें तोड़ भी दिया जाता था। इतनी बड़ी बजट की फिल्म होने के बावजूद पालोनजी को यकीन था कि मुगल-ए-आजम बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड तोड़ेगी। उनका यकीन सच साबित हुआ और फिल्म ने केवल भारत में ही 11 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था।
साइरस मिस्त्री की बात करें तो उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई राजनेताओं ने दुख जताया है। वहीं, कार एक्सीडेंट में घायल हुए डेरियस पंडोले और अनायता पंडोले को अस्पताल में भर्ती किया गया है।