- मुगल ए आजम का हिस्सा नहीं थे दिलीप कुमार
- फिल्म को बनने में 14 साल का लगा समय
- मधुबाला, दिलीप कुमार के रिश्ते में जब आई दरार
Bollywood Actor Dilip kumar: बॉलीवुड में मुगल-ए-आजम को जो प्यार, सम्मान और इज्जत मिली है, वैसा आज तक किसी फिल्म को नहीं मिला है। मुगल-ए-आजम ने बॉलीवुड को गर्व महसूस कराया है, और आज तक करा रही है। यह फिल्म हिंदी सिनेमा की आइकॉनिक फिल्म है। जिसकी बराबरी कोई कभी नहीं कर सकता है। लेकिन क्या आप जानते है, पृथ्वीराज से लेकर दिलीप कुमार तक फिल्म के लिए पहली पसंद नहीं थे।
मुगल ए आजम का हिस्सा नहीं थे दिलीप कुमार
'मुगल-ए-आजम' साल1960 को रिलीज हुई थी। ये फिल्म बॉलीवुड की एक मात्र ऐसी फिल्म है जिसके बारे में इतने किस्से कहानियां हैं कि कई मोटी किताबें लिख जाएंगी। कहा जाता है कि 'मुगल-ए-आजम' में के आसिफ की पहली पसंद दिलीप कुमार नहीं थे। यहां तक की पृथ्वीराज और मधुबाला भी इस फिल्म का हिस्सा नहीं थे। अकबर के किरदार के लिए चंद्रमोहन, सलीम के किरदार के लिए डी के सप्रू और मधुबाला की जगह अनारकली के लिए नर्गिस को कास्ट किया गया था, लेकिन 1949 में चंद्रमोहन का हार्ट अटैक से निधन हो जाने के बाद लगभग बंद हो गई फिल्म को नए किरदारों पृथ्वीराज, दिलीप कुमार और मधुबाला के साथ शुरु किया गया था।
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मधुबाला, दिलीप कुमार के रिश्ते में जब आई दरार
दिलीप कुमार मधुबाला एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे। कहते है दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे, लेकिन मधुबाला के पिता अताउल्ला खां को ये रिश्ता पसंद नहीं था। परिवार के दवाब के कारण मधुबाला ने दिलीप कुमार से शादी करने से मना कर दिया था। 'मुगल-ए-आजम' की शूटिंग के लास्ट दिनों में दिलीप कुमार और मधुवाला ने एक दूसरे से बात करना बंद कर दिया था। शूटिंग के दौरान एक सीन में दिलीप कुमार ने मधुबाला के गाल पर धोके से इतनी जोर से चांटा मार गिया था, कि वहां खड़ा हर आदमी चौक गया था। फिल्म बंद होते होते रह गई थी।