- बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन की बहन सुनैना रोशन ने अपने बॉयफ्रेंड रुहेल अमीन से ब्रेकअप कर लिया है
- सुनैना अपने बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप कर परिवार के पास वापस लौट गईं हैं
- सुनैना की दो बार शादी हो चुकी है लेकिन दोनों ही असफल रहीं हैं
बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन और उनका परिवार बीते दिनों उस समय चर्चा में आ गया था जब सुनैना रोशन ने अपने परिवार के खिलाफ खुलकर बातें की थीं और उनपर आरोप लगाए थे। ऋतिक की बहन सुनैना ने कहा कि उनके परिवार ने उनकी जिंदगी नर्क बना दी है।
सुनैना ने बताया था कि वो दिल्ली में रहने वाले एक मुस्लिम लड़के रुहेल अमीन से प्यार करती हैं जो कि पेशे से जर्नलिस्ट है। उन्होंने बताया कि इस रिश्ते को लेकर उनका परिवार उन्हें प्रताड़ित कर रहा है। उन्होंने यह तक कहा कि उनके भाई ऋतिक रोशन ने उनके रिश्ते को मंजूरी नहीं दी। वहीं सुनैना के पिता राकेश रोशन ने उस लड़के को आतंकवादी बताया।
अब खबरें आ रहीं हैं कि सुनैना ने रुहेल से ब्रेकअप कर लिया है और वो अपने परिवार के पास लौट आईं हैं। एक वेबसाइट की खबर के मुताबिक, सुनैना ने रुहेल से ब्रेकअप कर अपने घर लौटने का फैसला किया। बताया जा रहा है कि उनका यह रिश्ता खत्म हो गया है। हाल ही में सुनैना राकेश रोशन के 70वें जन्मदिन के जश्न के मौके पर भी परिवार के साथ मौजूद थीं। हालांकि बाद में वेबसाइट ने रुहेल से संपर्क कर इस बारे में बात की तो उन्होंने इसे 'फैक्ट फ्री' और 'हाफ ट्रुथ' यानी गलत व आधा सच बताया।
मालूम हो कि सुनैना की दो बार शादी हो चुकी हैं और दोनों ही असफल रहीं। खबरें आईं थीं कि जब सुनैना के परिवार को उनके और रुहेल के रिश्तों के बारे में पता चला तो वो इससे खुश नहीं थे क्योंकि रुहेल पहले से शादीशुदा हैं और उनके बच्चे भी हैं। रोशन परिवार नहीं चाहता कि सुनैना एक बार फिर अपना पार्टनर चुनने में किसी तरह की गलती करें।
सुनैना ने एक इंटरव्यू में यह आरोप भी लगाया था कि उनका परिवार उन्हें खर्च के लिए भी पैसा नहीं देता। हर कोई उनका उत्पीड़न करता है। उन्होंने कहा था कि जेब खर्च के लिए उन्हें केवल 50 हजार रुपये दिए जाते हैं। सुनैना ने कहा था कि ऋतिक भी मेरी मदद नहीं करते, वो पूरी तरह अपने पिता के प्रभाव में हैं।
वहीं रुहेल ने एक राकेश रोशन द्वारा आतंकवादी कहे जाने पर इंटरव्यू में प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था,'अपने धर्म और विश्वास के कारण मेरे लिए ऐसा कहना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। केवल धर्म के आधार पर किसी को आतंकवादी कहना अपमानजनक है। इसकी निंदा करनी चाहिए।'