- इरफान खान ने 29 अप्रैल 2020 को अंतिम सांस ली थी।
- लॉकडाउन के कारण सिर्फ परिवार की मौजूदगी में इरफान का अंतिम संस्कार किया गया।
- निधन से पहले इरफान खान जरूरतमंदों के लिए एक नेक काम करके गए।
इरफान खान को हमें अलविदा कहे हुए ठीक एक महीना बीत गया है। इरफान अपने निधन से कुछ वक्त पहले ही यूके में चिकित्सा उपचार कराकर भारत लौटे थे। हालांकि इरफान वापस आकर अपने देश में ज्यादा वक्त नहीं बिता सके। न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर से ग्रसित इरफान ने 29 अप्रैल 2020 को अंतिम सांस ली थी। 53 साल के इरफान को अंतिम विदाई देने ज्यादा लोग नहीं पहुंच सके थे। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण सिर्फ परिवार की मौजूदगी में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
अब इरफान खान से जुड़ी नई रिपोर्ट सामने आ रही हैं कि मरने से पहले वो जरूरतमंदों के लिए एक नेक काम करके गए। एक एंटरटेनमेंट साइट की रिपोर्ट के मुताबिक इरफान खान ने कोरोना वायरस के कारण प्रभावित हुए गरीब लोगों की मदद की थी। उन्होंने अपनी तरफ से कुछ आर्थिक मदद करते हुए पैसे दान किए थे। अभिनेता इरफान के करीबी दोस्त ने हाल ही में अपने बारे में ये खुलासा करते हुए बताया कि वो चाहते थे कि किसी को इस बारे में पता नहीं चले।
जरूरतमंदों की मदद कर गए इरफान खान
इरफान खान के जयपुर में रहने वाले करीबी दोस्त जियाउल्लाह ने बताया कि कोरोना वायरस की स्थिति के हम लोगों की मदद के लिए फंड इकट्ठा कर रहे थे। जब हमने उनके भाई से बात की तो इरफान खान भी मदद करने के लिए तैयार हो गए। यहां तक कि इरफान ने गरीब लोगों के लिए धन की मदद करते वक्त एकमात्र शर्त ये रखी थी कि किसी को पता ना चले उन्होंने मदद की है। एक परिवार के रूप में इरफान खान का मानना है कि दाहिने हाथ को पता नहीं होना चाहिए कि बाएं हाथ ने क्या दिया है। उनके लिए, लोगों को राहत पहुंचाना अधिक महत्वपूर्ण था। अब वो हमारे बीच नहीं है तो यह बात शेयर कर रहा हूं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सभी को बताएं कि इस तरह के भी लोग हैं।
इस त्यौहार को पसंद करते थे इरफान खान
इरफान खान के बचपन के दोस्त ने यह भी बताया कि उन्हें पतंग उड़ाने का त्योहार बहुत पसंद था। इरफान हमेशा परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए हर साल जयपुर आने की कोशिश करते हैं। जब वो बच्चे थे तो पतंगों को अपने बिस्तर के बगल में रखकर सोते थे।