- नेपोटिज्म की बहस पर संजय कपूर ने कसा तंज
- दोस्त करण जौहर के साथ काम करने में मुझे 25 साल लग गए: संजय
- धर्मा प्रोडक्सन की सीरीज में पत्नी के साथ आए नजर
मुंबई: फिल्मकार और निर्माता करण जौहर बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद की बहस को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। इसके लिए वह बीते काफी समय से आलोचना और सोशल मीडिया ट्रोल का सामना करते रहे हैं। हाल ही में, करण जौहर के प्रोडक्शन हाउस ने नेटफ्लिक्स के लिए 'फैबुलस लाइव्स ऑफ बॉलीवुड' नाम की एक सीरीज तैयार की है। यह एक ऐसी सीरीज है जो बॉलीवुड की कुछ लोकप्रिय स्टार पत्नियों जैसे सीमा खान, नीलम कोठारी, महीप कपूर और भावना पांडे के दैनिक जीवन की एक झलक देती है।
इस शो में संजय कपूर की पत्नी महीप कपूर भी नजर आती हैं और उन्हें भाई-भतीजावाद पर अपने विचार साझा करते हुए देखा जा सकता है। संजय ने खुलासा किया कि कैसे तीन दशक तक इंडस्ट्री में रहने के बावजूद नेपोटिज्म ने उनके करियर और जीवन की दिशा को निर्धारित नहीं किया है।
पत्नी के साथ धर्मा प्रोडक्शन की सीरीज में दिखे संजय कपूर:
करण जौहर की सीरीज में संजय को अपनी पत्नी महीप कपूर के साथ भाई-भतीजावाद पर चर्चा करते देखा गया और उसी के बीच में, उन्होंने यह कहकर करण जौहर से एक दोस्ताना अंदाज में चुटीली टिप्पणी की कि आखिरकार लंबे इंतजार के बाद उन्हें फिल्म निर्माता के साथ काम करने का मौका कैसे मिला।
मजाक-मजाक में नेपोटिज्म की बहस पर उठाए सवाल:
मजाक में बोलते हुए संजय कपूर ने कहा, 'मैं आखिरकार करण के साथ कुछ काम कर रहा हूं। इस काम के लिए मुझे नेपोटिज्म के 25 साल लग गए। मैं तीन साल से नेपोटिज्म सुन रहा हूं। नेपोटिज्म नेपोटिज्म नेपोटिज्म- मैं करण को 30 साल से जानता हूं। इसलिए आखिरकार...। यह काम है जिसने मुझे काम पर लगाया है, भाई-भतीजावाद ने नहीं।'
'...बातें सच होतीं तौ मैं सबसे सफल अभिनेता होता'
संजय ने कहा, 'लोगों को चीजें समझने की जरूरत है। बातों के अनुसार मैं दुनिया का सबसे व्यस्त अभिनेता हो सकता था। जितने लोगों को मैं जानता हूं, मैं सबसे अच्छी फिल्मों में उतना ही अच्छा काम कर रहा होता। यह कहना गलत होगा कि किसी का करियर भाई-भतीजावाद की वजह से बना और बिगड़ा है।
इसके अलावा, संजय की पत्नी महीप ने एक मॉडल के रूप में अपने संघर्ष के दिनों को याद किया। महीप ने बताया कि कैसे वह मॉडलिंग के समय दोपहर का खाना नहीं खा पाती थीं और जैम-सैंडविच खाकर काम चलाना पड़ता था।