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Kader Khan Birthday: स‍िव‍िल इंजीन‍ियर‍िंग के प्रोफेसर थे कादर खान, दिलीप कुमार की नजर पड़ी तो बना दिया एक्‍टर

Updated Oct 22, 2019 | 10:02 IST

Kader Khan Birthday: 22 अक्‍टूबर 1937 को काबुल में पैदा हुए कादर खान स‍िव‍िल इंजीन‍ियर‍िंग के प्रोफेसर थे। आइये जानते हैं कि 300 फ‍िल्‍मों में काम करने वाले कादर खान एक्‍टर कैसे बने?

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Kader khan

Kader Khan Birthday: बॉलीवुड के हरफनमौला और अद्भुत प्रतिभा के धनी एक्‍टर कादर खान का आज (22 अक्‍टूबर) जन्‍मदिन है। आज ही के दिन सन 1937 में काबुल में उनका जन्‍म हुआ था। 1970 और 75 के बीच वह स‍िव‍िल इंजीन‍ियर‍िंग के प्रोफेसर थे और इसी के साथ ही नाटकों में भी काम करते थे। इसी दौरान एक्‍टर द‍िलीप कुमार ने उनको नोट‍िस किया और अपनी अगली फ‍िल्‍म के ल‍िए साइन किया। कादर खान ने बॉलीवुड में कदम फ‍िल्‍म दाग से रखा था जिसमें राजेश खन्‍ना लीड रोल में थे। इसमें कादर खान का रोल एक एडवोकेट का था। 

राजेश खन्‍ना के कहने पर कादर खान को मनमोहन देसाई ने फ‍िल्‍म रोटी के डायलॉग ल‍िखने का मौका द‍िया था। यही नहीं, इसके ल‍िए उनको उस समय एक लाख बीस हजार की फीस भी दी गई थी। कादर खान अपने समय के ऐसे स्‍क्रीनराइटर थे जिन्‍होंने मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा के राइवल कैंप्‍स में काम किया था। उनके अलावा ये रिकॉर्ड स‍िर्फ अमिताभ बच्‍चन के नाम है।

 

कादर खान की जोड़ी को गोव‍िंदा के साथ खासा पसंद किया गया। दोनों की खास फ‍िल्‍मों में दरिया दिल, राजा बाबू, कुली नंबर 1, छोटे सरकार, आंखें, तेरी पायल मेरे गीत, आंटी नंबर 1, हीरो नंबर 1, राजाजी, नसीब, दीवाना मैं दीवाना, दूल्हे राजा, अखियों से गोली मारे आद‍ि शामिल हैं। 

कादर खान ने अपने डायलॉग से ही उन्‍होंने अमिताभ को एंग्रीमैन बनाया। अमिताभ बच्चन और जितेंद्र जैसे बड़े अभिनेताओं को स्थापित करने में कादर खान का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने लगभग 300 फिल्मों में काम किया और लगभग 200 फिल्मों के लिए स्क्रीन प्ले लिखा। 1970 से उन्होंने बॉलीवुड के हर बड़े कलाकार के साथ काम किया। कादर खान ने ही शहंशाह जैसी फ‍िल्‍म के डायलॉग लिखे। 

कादर खान ने राजेश खन्ना की महाचोर, छैला बाबू, धरम कांटा, फिफ्टी फिफ्टी, नया कदम, मास्टरजी और नसीहत जैसी फिल्मों के डायलॉग लिखे। उन्‍हें मेरी आवाज सुनो फिल्म के लिए 1982 में सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक का पुरस्कार मिला और 1993 में अंगार फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखक का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला। 2019 का आगमन कादर खान के न‍िधन की दुखद खबर के साथ हुआ। एक जनवरी को उनका निधन हो गया। निधन के बाद उनके नाम के लिए पद्मश्री पुरस्‍कार की घोषणा हुई।

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