- लता मंगेशकर के सपने को साकार कर रहा परिवार
- गुरु पूर्णिमा के अवसर पर स्वर मौली फाउंडेशन की शुरुआत
- फाउंडेशन कलाकारों की मदद के लिए संकल्पित है
मुंबई: कलाकारों के लिए एक वृद्धाश्रम बनाने के लता मंगेशकर के सपने को साकार करते हुए उनके परिवार ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर स्वर मौली फाउंडेशन की शुरुआत की। ‘धर्मनिरपेक्ष और गैर-लाभकारी’ फाउंडेशन नासिक में वृद्धाश्रम बना रहा है। लता मंगेशकर का इस साल 6 फरवरी को निधन हो गया था। उन्होंने जुलाई 2021 में फाउंडेशन का पंजीकरण करा लिया था।
लता मंगेशकर के परिवार ने एक बयान में कहा, 'वृद्धाश्रम बनाकर स्वर मौली फाउंडेशन ऐसे कलाकारों की मदद के लिए संकल्पित है जो अपनी उम्र के आखिरी पड़ाव पर हैं और उन्हें मदद की जरूरत है। ऐसे बुजुर्ग कलाकारों की मदद करना लता दीदी का सपना था जिन्हें या तो उनके बच्चों ने छोड़ दिया है या जो जीवनयापन के लिए आर्थिक रूप से असहाय महसूस करते हैं।’ फिल्म जगत के जानकारों के अनुसार ललिता पवार, भारत भूषण, परवीन बॉबी, अचला सचदेव और ए के हंगल जैसे कई नामचीन कलाकार अपने आखिरी वक्त में अकेले रहे या भुला दिये गये।
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फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार लता मंगेशकर ने कहा था कि स्वर मौली इस सोच पर आधारित है कि किसी बुजुर्ग को ऐसे समय में अकेले जीवन जीने के लिए नहीं छोड़ा जाना चाहिए जब वह बहुत असहाय हो। अभिनेता अमिताभ बच्चन ने फाउंडेशन की शुरुआत की खबर ट्विटर पर साझा की।
फाउंडेशन के सह-संस्थापकों में लता मंगेशकर, उनकी छोटी बहन उषा मंगेशकर, उनकी भतीजी रचना शाह और संगीतकार मयूरेश पई के नाम हैं। गायक सोनू निगम और फिल्मकार मधुर भंडारकर स्वर मौली की पांच सदस्यीय सलाहकार समिति के सदस्य हैं। वक्तव्य के अनुसार स्वर मौली का उद्देश्य संगीत, रंगमंच, सिनेमा और प्रस्तुति कलाओं के क्षेत्र में कलाकारों का समर्थन करना है।