- मिलिंद सोमन इन दिनों अपनी किताब मेड इन इंडिया को लेकर खूब चर्चा में हैं।
- मिलिंद सोमन ने किताब में अपने आरएसएस शाखा वाले दिनों को याद किया है।
- मिलिंद युवा अवस्था में आरएसएस शाखा का हिस्सा रहे हैं।
बॉलीवुड एक्टर और मॉडल मिलिंद सोमन इन दिनों अपनी किताब मेड इन इंडिया को लेकर खूब चर्चा में हैं। इस किताब में मिलिंद ने अपनी लाइफ जर्नी पर बात की है। साथ ही मिलिंद सोमन ने इसका भी जिक्र किया है कि वो युवा अवस्था में आरएसएस शाखा का हिस्सा रहे हैं। करीब 10 साल की उम्र में मिलिंद सोमन आरएसएस की शाखा अटेंड करने जाते थे।
बॉलीवुड स्टार मिलिंद सोमन ने अपनी किताब में लिखा है कि उनके बाबा यानी पिता आरएसएस के सदस्य रहे हैं और उनका मनाना था कि शाखा नौजवानों को अनुशासित जीवन की सीख देती है। आरएसएस की शाखा में नौजवान को फिटनेस और सही विचारों के लिए आकार दिया जाता है। मिलिंद सोमन ने बताया है कि शाखा में उनके अलावा आसपास के भी कई युवा जुड़े हुए थे।
RSS शाखा में जाने से कतराते थे मिलिंद सोमन
मिलिंद सोमन ने अपनी किताब में इस बात का भी जिक्र किया है कि उन्हें आरएसएस की शाखा में जाना पसंद नहीं था। वो कई बार शाखा ना जाकर छिप जाते थे। दरअसल मिलिंद सोमन अपने परिवार की इस बात से खफा थे कि मर्जी के खिलाफ उन्हें जबरदस्ती शाखा भेजा जाता है। मिलिंग एक अकेले खुश रहने वाले बच्चों में थे और उन्हें पूछे बिना दमखम वाली चीजों में धकेल दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने शाखा में लगातार जाकर कुछ दोस्त भी बनाए।
आरएसएस में हिंदू को लेकर नहीं होती थी बात- मिलिंद सोमन
बॉलीवुड स्टार और फिटनेस फ्रीक मिलिंद ने ये भी कहा है कि आज लोग आरएसएस को सांप्रदायिक प्रोपेगेंडा कहते हैं। ये सब पढ़कर उनको काफी हैरानी होती है। क्योंकि मिलिंद के मुताबिक शाखा में कभी भी हिंदू को लेकर बातें नहीं होती थीं। आरएसएस की शाखा में सुबह 6 से शाम 7 बजे तक मार्च, योगा, व्यायाम, गीत, ट्रेकिंग और संस्कृत के छंद पढ़ाए जाते थे। कभी भी आरएसएस के लोगों ने उनपर अपने विचारों को नहीं थोपा।