- मुकेश खन्ना ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया है।
- वीडियो में मुकेश खन्ना ने बॉलीवुड को उबारने के लिए प्वाइंट्स दिए हैं।
- मुकेश खन्ना ने सात सूत्री फॉर्मूला बॉलीवुड को दिया है।
Mukesh Khanna on Bollywood revival: बॉलीवुड के लिए पिछले कुछ महीने किसी बुरे सपने से कम नहीं रहे हैं। कुछ को छोड़ दें तो एक के बाद एक कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी हैं। इसकी वजह कोई सोशल मीडिया पर चल रहे बायकॉट ट्रेंड बता रहे हैं। वहीं, कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका कारण फिल्मों का खराब कंटेंट है। अब भीष्म पितामाह, शक्तिमान जैसी किरदार निभा चुके मुकेश खन्ना (Mukesh Khanna) ने अपने यूट्यूब चैनल भीष्म इंटरनेशनल में एक वीडियो शेयर कर बॉलीवुड को उबारने का सात सूत्री फॉर्मूला शेयर किया है।
मुकेश खन्ना ने अपने वीडियो में कहा, 'मेरा पहला प्वाइंट है कि हिंदू देवी देवताओं का मजाक बनाना बंद करों। हिंदू अब वह सॉफ्ट टारगेट नहीं रह गया है। यदि आप किसी दूसरे धर्म का मजाक नहीं बना सकते तो हिंदू धर्म का भी न बनाएं। दूसरा प्वाइंट है कि धार्मिक फिल्में बनाएं धर्म के विरुद्ध फिल्में न बनाएं। संतोषी मां, रामायण, महाभारत, देवों के देव महादेव जैसे सफल धार्मिक फिल्में और सीरियल हैं। ऐसे में धर्म के विरुद्ध फिल्में बनाना बंद करना चाहिए। तीसरा प्वाइंट है कि स्टार को अपना प्राइज घटाना चाहिए या आधी करनी चाहिए।'
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75 करोड़ रुपए केवल स्टार की फीस
मुकेश खन्ना आगे कहते हैं, '150 करोड़ रुपए फिल्म का बजट है तो केवल 75 करोड़ रुपए फिल्म का लीडिंग एक्टर ले जाता है। एक-एक रुपए फ्रेम को बनाता और बिगाड़ता है। हॉलीवुड में भी ऐसा हो होता है टॉम क्रूज भी अपनी पिछली फिल्म के आधार पर फीस चार्ज करते हैं। साउथ की बात अलग है क्योंकि वहां पर वह फाइनेंस के लिए कॉर्पोरेट पर निर्भर नहीं रहते हैं। हमारे पास पैसे लगाने वाले नहीं हैं। चौथा फॉर्मूला है कि पहले कहानी बनाओ, इसके बाद स्टार्स को चुना। महाभारत की कहानी अच्छी थी तभी हम बने। आज फिल्म मेकर स्टार्स पर बहुत ज्यादा निर्भर रहते हैं। फिल्म का असली स्टार उसका कंटेंट होता है।'
देखें मुकेश खन्ना का पूरा वीडियो (Mukesh Khanna Video)
मुकेश खन्ना अपना पांचवां, छठा और सातवां प्वाइंट बताते हुए कहते हैं। सिनेमाघरों के कुछ महीनों बाद ओटीटी पर रिलीज करें। कम से छह से आठ हफ्तों का गैप रखें। इसके अलावा पुराने डायरेक्टर को एक बार फिर मौका दें। उन्हें भारतीय संस्कृति की अच्छी पहचान है। सातवां और आखिरी प्वाइंट है कि डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को वापस लाओ ताकि प्रोड्यूसर डिस्ट्रीब्यूटर को बेचकर निश्चिंत हो जाएं और अपनी अगली फिल्म पर ध्यान दें।