- बॉलीवुड एक्टर नसीरुद्दीन शाह आज अपना बर्थडे मना रहे हैं।
- नसीरुद्धीन शाह ने 45 साल पहले अपने करियर की शुरुआत की थी।
- नसीरूद्दीन ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म निशांत से की थी
Naseeruddin Shah Birthday: हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह आज (20 जुलाई) अपना 71वां बर्थडे मना रहे हैं। आज ही के दिन नसीर का जन्म अली मोहम्मद शाह के घर में हुआ था। उनके पिता सरकारी विभाग में बड़े अधिकारी थे। उनके पिता चाहते थे कि वह सरकारी अधिकारी या फिर डॉक्टर बनें लेकिन नसीर तो पर्दे पर अपने जादू दिखाना चाहते थे। 100 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके नसीरुद्धीन शाह ने 45 साल पहले अपने करियर की शुरुआत की थी।
दिल्ली स्थित नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अदाकारी सीखने वाले नसीर ने हिंदी सिनेमा में काम करते हुए ऐसे बेहतरीन किरदार निभाए हैं जिन्हें देखने के बाद आप सारे एक्टिंग स्कूल भूल जाएंगे। नसीर अपने आप में एक्टिंग का विद्यालय हैं। उन्होंने अभिनय के शानदार नमूने पेश किए हैं। तीन फिल्मफेयर पुरस्कार, तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और वेनिस फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए द वोल्पी कप जीत चुके नसीरुद्दीन को भारत सरकार ने पद्मश्री और पद्म भूषण जैसे पुरस्कारों से भी सम्मानित किया है।
सर्वश्रेष्ठ फिल्मों की लिस्ट
नसीरूद्दीन शाह ने अपने करियर की शुरुआत श्याम बेनेगल की फिल्म निशांत से की थी जिसमें उनके साथ स्मिता पाटिल और शबाना आजमी जैसी अभिनेत्रियां थीं। ‘निशांत’ एक आर्ट फिल्म थी। यह फिल्म कमाई के हिसाब से तो पीछे रही पर फिल्म में नसीरुद्दीन शाह के अभिनय की सबने सराहना की। इसके बाद नसीरुद्दीन शाह ने आक्रोश, ‘स्पर्श’, ‘मिर्च मसाला’, ‘अलबर्ट पिंटों को गुस्सा क्यों आता है’, ‘मंडी’, ‘मोहन जोशी हाज़िर हो’, ‘अर्द्ध सत्य’, ‘कथा’ आदि कई आर्ट फिल्में कीं।
नसीरुद्दीन ने अ वेडनेसडे, मंडी, मकबूल, निशांत, इकबाल जैसी शानदार फिल्में की हैं। ‘मासूम’, ‘कर्मा’, ‘इजाज़त’, ‘जलवा’, ‘हीरो हीरालाल’, ‘गुलामी’, ‘त्रिदेव’, ‘विश्वात्मा’, ‘मोहरा’, सरफरोश जैसी व्यापारिक फिल्में कर उन्होंने साबित कर दिया कि वह सिर्फ आर्ट ही नहीं कॉमर्शियल फिल्में भी कर सकते हैं। यह फिल्में न सिर्फ नसीर की उम्दा अदायगी की नजीर बनीं बल्कि हिन्दी सिनेजगत के लिए भी बेशकीमती पूंजी हैं।
इन किरदारों से जीता दिल
फिल्म चक्र (1981) में नसीर ने लुक्का का किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीता। वहीं फिल्म आक्रोश (1980) में भास्कर कुलकर्णी के किरदार में उन्होंने अपनी अदाकारा का नया नमूना पेश किया। इसी तरह फिल्म में स्पर्श (1979) अनिरुद्ध परमार का किरदार दर्शकों के दिल में ऐसा उतरा की नसीर को खूब वाहवाही मिली। फिल्म पार (1984) में नौरंगिया का किरदार भी काफी पसंद किया गया। निगेटिव किरदार में भी नसीर खूब जमे। फिल्म मोहरा (1994) में नसीर के का मिस्टर जिंदाल का किरदार काफी प्रभावशाली रहा।
इन फिल्मों के लिए मिला सम्मान
नसीरुद्दीन शाह को 1979 में फिल्म स्पर्श (Sparsh) और 1984 में ‘पार’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। 2006 में फिल्म इकबाल के लिए नसीरुद्दीन शाह को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। 1981 में फिल्म आक्रोश, 1982 में फिल्म चक्र और 1984 में फिल्म मासूम के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
नसीर की काबिलियत का सबसे बड़ा सुबूत है, सिनेमा की दोनों धाराओं में उनकी कामयाबी। नसीर का नाम अगर पैरेलल सिनेमा के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं की सूची में शामिल हुआ तो बॉलीवुड की मुख्य धारा या व्यापारिक फ़िल्मों में भी उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की है। नसीर अपने शानदार अंदाज से मुख्य धारा के चहेते सितारे बन गए, ऐसा सितारा जिसने हर तरह के किरदार को बेहतरीन अभिनय से जिंदा कर दिया। ये सितार जब भी स्क्रीन पर आया देखने वाले के दिल पर उस किरदार की यादगार छाप छोड़ गया। उसकी कॉमेडी ने पब्लिक को खूब गुदगुदाया तो एक्शन में भी उसका अलग ही अंदाज नजर आया।