- प्रियंका चोपड़ा की किताब अगले महीने रिलीज होने वाली है।
- प्रियंका चोपड़ा ने अपनी किताब में कई खुलासे किए हैं।
- प्रियंका चोपड़ा के मुताबिक घरवाले उन्हें काली-काली कहकर चिढ़ाते थे।
मुंबई. प्रियंका चोपड़ा ने बेहद कम वक्त में हॉलीवुड में अलग मुकाम बना लिया है। अब प्रियंका चोपड़ा ने अपनी किताब में स्कूल का किस्सा शेयर किया है। प्रियंका ने बताया कि किस तरह से उन्हें स्कूल में नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा था। यही नहीं, 2015 से उन्होंने फेयरनेस क्रीम के एड करने छोड़ दिए।
प्रियंका चोपड़ा की किताब अनफिनिश्ड 9 फरवरी को रिलीज होने वाली है। किताब में प्रियंका चोपड़ा ने खुलासा किया है, 'मैं जब हाईस्कूल में थीं तो मुझे जो बच्चे परेशान करते थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि वह ताकतवर हैं।
बकौल प्रियंका चोपड़ा, 'इसने मुझ पर काफी ज्यादा प्रभाव छोड़ा। मेरा आत्मविश्वास कम हो गया। मैं जो बनना चाहती थीं उसमें भी इसने काफी बाधा डाली। मुझे लगता था कि मैं एक्सपोज हो गई हूं।'
फेयनेस क्रीम को नहीं किया एंडोर्स
किताब में प्रियंका चोपड़ा ने बताया कि, एक वक्त उन्हें भारत में फेयरनेस क्रीम की एड करने के लिए लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। बकौल प्रियंका,‘साउथ एशिया में स्किन लाइटनिंग को एंडोर्स करना आम बात है।'
प्रियंका लिखती हैं, 'ब्यूटी इंडस्ट्री बहुत बड़ी है और इसे हर कोई कर रहा है। हालांकि, जब एक एक्ट्रेस इसे करती है, तो ये गलत होता है। मेरा भी ऐसा करना गलत था। क्योंकि मैं विश्वास करती थीं कि डार्क स्किन होना अच्छी बात नहीं है।'
बचपन में सब कहते थे काली
प्रियंका के मुताबिक, 'मेरे घर में सारे भाई-बहन गोरे-चिट्टे थे। मेरी स्किन का कलर पापा पर है, ऐसे में केवल मैं ही सांवली थीं। इस कारण मेरा मजाक उड़ाने के लिए फैमिली के लोग मुझे काली, काली, काली बुलाते थे।'
पूर्व मिस वर्ल्ड आखिरी में लिखती हैं, '13 साल की उम्र में मैं फेयरनेस क्रीम लगाना चाहती थी और चाहती थी कि मेरा सांवलापन दूर हो जाए। मैं ये सब नहीं करना चाहती थी तो मैंने बंद कर दिया। ’