Rahat Indori Best shayari in hindi: मशहूर शायर राहत इंदौरी का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राहत साहब शायरी के समंदर थे और उनके चले जाने से वह समंदर शांत हो गया है। राहत साहब हर उम्र के लोगों के पसंदीदा शायर थे और मंच पर उनके पहुंचते ही कुछ विशेष शायरियों की फरमाइश होने लगती थी। अपने जीवन में राहत साहब ने हजारों शेर कहे और उनकी शायरी को चाहने वाले भारत ही नहीं, आसपास के देशों में भी मौजूद हैं। पाकिस्तान, दुबई सहित ना जाने कितने ही देशों में उनकी शायरी की महफिल जमा करती हैं। तो आइये एक नजर राहत साहब के उन्हीं शेरों पर।
राहत इंदौरी के मशहूर शायरी :
उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा
दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए
शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम
आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो
बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ
नए किरदार आते जा रहे हैं
मगर नाटक पुराना चल रहा है
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते
रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है
फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो
इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो
बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियां उड़ जाएं
किसने दस्तक दी, दिल पे, ये कौन है
आप तो अन्दर हैं, बाहर कौन है
मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी!