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Nirbhaya Case:रवीना टंडन ने दिया वकील एपी सिंह को जवाब, कहा- 'चारों दरिंदे आतंकवादी से भी बदतर'

Updated Mar 06, 2020 | 09:22 IST

निर्भया केस के चारों दोषियों का नया डेथ वारंट जारी हो गया है। चौथे डेथ वारंट जारी होने के बाद एपी सिंह ने कहा कि ये चारों आतंकवादी नहीं है। इस पर अब रवीना टंडन ने सोशल मीडिया पर करारा जवाब दिया है।

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AP Singh, Raveena Tondon
मुख्य बातें
  • निर्भया केस के चारों दोषियों का नया डेथ वारंट जारी हो गया है।
  • नए डेथ वारंट जारी होने के बाद दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा था कि वह आतंकवादी नहीं है।
  • रवीना टंडन ने एपी सिंह को जवाब दिया है।

मुंबई. निर्भया केस में चौथा डेथ वारंट जारी हो गया है। निर्भया के दरिंदों को 20 मार्च 2020 को सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा। डेथ वारंट जारी होने के बाद दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि ये चारों आतंकवादी नहीं है। अब रवीना टंडन ने एपी सिंह को करारा जवाब दिया है। 

रवीना टंडन ने सोशल मीडिया पर लिखा- ये आतंकवादी से भी बदतर हैं। उन्होंने निर्भया के साथ हैवानियत की। उसे टॉर्चर किया और सर्दी में उसे मरने के लिए बाहर छोड़ दिया है। वह भी नग्न। तुम और क्या चाहते हो। 

रवीना अपने ट्वीट में आगे लिखती हैं- 'एपी सिंह जो उन्होंने किया, फांसी उनके लिए बेहद कम सजा है।' आपको बता दें कि इससे पहले ऋषि कपूर ने डेथ वारंट के टालने पर सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया था। ऋषि कपूर ने लिखा -'तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख।' दामिनी। 

एपी सिंह ने कही थी ये बात 
चौथा डेथ वारंट जारी होने के बाद एपी सिंह ने कहा था- दोषियों के पास अभी कानूनी विकल्प बचे हुए हैं। अक्षय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है। कोर्ट को तिहाड़ जेल ने यह जानकारी दी है। 

एपी सिंह ने कहा कि दोषियों की न्यायिक हत्या मत करें। कानून के मुताबिक किसी को एक से ज्यादा बार फांसी की सजा नहीं दी जा सकती है। डेथ वारंट जारी कर चार बार मार चुके हो। इन्हें नींबू की तरह मत निचोड़ो।


20 मार्च को होगी फांसी 
निर्भया के चारों दरिंदे- मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और विनय शर्मा को 20 मार्च के दिन फांसी दी जाएगी। ये इस केस में चौथा डेथ वारंट है। पहला डेथ वारंट 20 जनवरी 2020 के लिए जारी किया गया था। इसे टाल दिया गया था। 

निर्भया केस में दूसरा डेथ 2 फरवरी के लिए जारी हुआ था। इसके बाद तीसरा डेथ वारंट तीन मार्च के लिए जारी किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर 20 मार्च को फांसी नहीं होती है, तो अलग-अलग फांसी देने की याचिका पर 23 मार्च को सुनवाई करेगा।  

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