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RD Burman Death Anniversary: आरडी बर्मन ने आशा भोसले से की थी दूसरी शादी, 6 साल बड़ी सिंगर को चुना था जीवनसाथी

Updated Jan 04, 2020 | 08:53 IST

RD Burman Death Anniversary: सुर और संगीत के दम पर अपनी अलग जगह बनाने वाले आरडी बर्मन की आज 26वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर जानें उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें।

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RD Burman with Asha Bhosle
मुख्य बातें
  • पंचम दा के नाम से पहचाने जाने वाले आरडी बर्मन की आज 26वीं पुण्यतिथि है
  • पंचम दा ने साल 1980 में तीन बच्चों की मां और सिंगर आशा भोसले से शादी की थी
  • आशा भोसले उम्र में पंचम दा से करीब 6 साल बड़ी थीं

'पंचम दा' के नाम से जाने वाले संगीतकार राहुल देव बर्मन यानी आरडी बर्मन की आज पुण्यतिथि है। उनका निधन 4 जनवरी 1994 को हुआ था। उन्होंने जानी मानी सिंगर आशा भोसले से साल 1980 में शादी की थी।

दोनों की शादी आसान नहीं रही थी क्योंकि यह दोनों की ही दूसरी शादी थी। आरडी बर्मन ने पहली शादी रीटा पटेल से की थी, जिनसे उनकी मुलाकात दार्जिलिंग में हुई। रीटा, बर्मन की फैन थीं और उन्होंने अपनी दोस्तों से शर्त लगाई थी कि वो उनके साथ फिल्म डेट पर जाएंगी। इसके बाद साल 1966 में दोनों ने शादी कर ली, हालांकि यह रिश्ता लंबे समय तक नहीं टिक पाया और करीब 5 साल बाद 1971 में दोनों का तलाक हो गया। 

बर्मन ने आशा भोसले को किया था प्रपोज

वहीं दूसरी तरफ बर्मन अक्सर अपने पिता एसडी बर्मन के साथ स्टूडियो आते थे जहां उन्होंने आशा को देखा और उनसे इंप्रेस होकर ऑटोग्राफ मांगे। इसके बाद कई बार दोनों को साथ काम करने का मौका मिला और बर्मन ने आशा को प्रपोज कर दिया, जो कि उम्र में उनसे करीब 6 साल बड़ी थीं। इस समय तक बर्मन की शादी तो टूट ही चुकी थी वहीं तीन बच्चों की मां आशा की शादीशुदा जिंदगी भी लगभग खत्म हो गई थी।

आशा अपनी पहली खराब शादी के डर में ही जी रहीं थीं तो वो बर्मन का प्रपोजल स्वीकार तो नहीं कर सकीं लेकिन उनका दिल तोड़ना भी नहीं चाहती थीं। काफी सोच विचार के बाद उन्होंने पंचम दा को हां कह दिया और 1980 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए। दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे और साथ में उन्होंने कई गाने गाए।

अलग हो गईं दोनों की राहें

बर्मन की शराब और सिगरेट की आदत के चलते 80 के दशक के अंत में दोनों अलग हो गए, हालांकि इससे दोनों के बीच का प्यार और एक दूसरे के लिए इज्जत कम नहीं हुई। दोनों अक्सर मिलते और साथ समय बितात थे। इसके कुछ समय बाद बर्मन को हार्ट अटैक आया और आशा ने उनका पूरा साथ दिया।

टूट गई बर्मन की सांसों की डोर

साल 1994 में आशा बर्मन से मिलने उनके घर गईं लेकिन घर खाली था। इसी दिन शाम को बर्मन के नौकर ने आशा को फोन कर बताया कि बर्मन की तबीयत ठीक नहीं है, जिसके बाद आशा अपने बेटे के साथ बर्मन के घर गईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया। लेकिन 4 जनवरी 1994 को उनकी सांसों की डोर टूट गईं। बर्मन को खोने से आशा बहुत टूट गईं थीं क्योंकि उन्होंने उस शख्स को खो दिया था जिससे वो बेहद प्यार करती थीं। 

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