- सौरभ शुक्ला का जन्म उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में 5 मार्च साल 1963 को हुआ था।
- सौरभ शुक्ला की मां जोगमाया शुक्ला देश की पहली महिला तबला वादक थीं!
- उनके पिता शत्रुघ्न शुक्ला आगरा घराने के मशहूर संगीतकार थे।
Saurabh Shukla Birthday: हिंदी सिनेमा के बेहतरीन कलाकर, अभिनेता सौरभ शुक्ला का आज (5 मार्च) जन्मदिन है। सौरभ शुक्ला का जन्म उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में 5 मार्च साल 1963 को हुआ था। सौरभ शुक्ला ने अपनी मेहनत के बल पर वह मुकाम पाया है जो कम लोगों को नसीब होता है। वो किसी भी फिल्म में जान फूंक देते हैं। सौरभ शुक्ला वो अभिनेता हैं जो फिल्म में हीरो पर भारी पड़ जाते हैं।
चाहे अक्षय कुमार की जॉली एलएलबी 2 हो या अजय देवगन की रेड, सौरभ शुक्ला ने इन फिल्मों में दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ ही खींचे रखा और जब दर्शक फिल्म देखकर सिनेमाघर से बाहर निकलते हैं तो उनका किरदार मस्तिष्क पटल पर छाया रहता है। उनकी बेहतरीन अदाकारी, शानदार संवाद अदायगी के सभी कायल हैं। सौरभ शुक्ला फिल्मों के साथ टीवी, थियेटर आर्टिस्ट और निर्देशक के तौर पर भी मशहूर हैं और उन्हें पहचान मिली थी रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' के कल्लू मामा किरदार से।
फिल्मों में काम करने के लिए 5 टीवी शो छोड़े
'सत्या' और 'बैंडिट क्वीन' जैसी हिट फिल्में करने के बावजूद सौरभ शुक्ला को बॉलीवुड ने गले नहीं लगाया। सौरभ शुक्ला ने खुद कहा था कि सत्या के बाद मुझे वैसा काम नहीं मिल रहा था जैसा मैं चाहता था और बेहतरीन अवसर के लिए मुझे 10 साल का इंतजार करना पड़ा। लोग तारीफ करते थे लेकिन काम नहीं मिल रहा था। वो 10 साल बहुत मुश्किलों भरे रहे थे। एक अखबार के अनुसार, सौरभ शुक्ला ने फिल्मों में काम करने के लिए 5 टीवी शो छोड़ दिए थे।
जॉली एलएलबी के लिए मिला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
सौरभ शुक्ला ने कई फिल्मों की कहानी लिखी है जिसमें सत्या, कलकत्ता मेल, मुंबई एक्सप्रेस, सलाम-ए-इश्क एसिड फैक्ट्री, पप्पू कॉन्ट डांस साला शामिल हैं। उन्होंने दिल्ली का खालसा कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और साल 1984 में सौरभ ने थियेटर ज्वॉइन कर लिया। उन्होंने 'एक व्यू फ्रॉम द ब्रिज', 'लुक बैक इन एंगर' और 'घासीराम कोतवाल' सहित कई शानदार नाटकों में अभिनय किया है। सौरभ को फिल्म 'जॉली एलएलबी' के लिए साल 2014 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
परिवार से विरासत में मिली कला
सौरभ शुक्ला की मां जोगमाया शुक्ला देश की पहली महिला तबला वादक थीं और उनके पिता शत्रुघ्न शुक्ला आगरा घराने के मशहूर संगीतकार थे। सौरभ शुक्ला के जन्म के दो साल बाद ही उनका परिवार दिल्ली जाकर बस गया था। कला के धनी परिवार में पैदा हुए सौरभ शुक्ला का मन रंगमंच में लगता था। उनकी रुचि तो अभिनय में थी और उन्होंने अपनी रुचि को ही पेशा बनाया।