- शाहरुख खान ने फिर की मदद
- दान के बाद अब क्वारेंटाइन के लिए दिया अपना ऑफिस
- बीएमसी ने ट्वीट कर की सराहना
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कोहराम मचाया हुआ है। इससे बचने के लिए देश भर में लॉकडाउन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद के लिए पीएम-केयर्स फंड शुरू किया है। कई सेलेब्स मदद के लिए आगे आए, जिनमें बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान का नाम भी शामिल हैं। शाहरुख की कंपनियों कोलकाता नाइट राइडर्स, रेड चिलीज एंटरटेनमेंट, मीर फाउंडेशन और रेड चिलीज वीएफएक्स ने कई राहत कोषों में दान दिया है, जिनमें पीएम-केयर्स फंड, सीएम राहम कोष महाराष्ट्र, दिल्ली सीएम कोष और कई अन्य कोष शामिल हैं। लेकिन वे यहीं नहीं थमें, उन्होंने फिर मदद का हाथ आगे बढ़ाया है।
आर्थिक मदद के बाद शाहरुख ने अपना ऑफिस भी क्वारेंटाइन के लिए दे दिया है। हाल ही में बीएमसी ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। बीएमसी ने ट्वीट किया कि हम अपने 4-मंजिला पर्सनल ऑफिस की जगह देने के लिए शाहरुख खान और गौरी खान को धन्यवाद देते हैं, जो कि क्वारंटाइन्ड बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए आवश्यक सुविधाओं से लैस है। वास्तव में यह एक विचारशील कदम है।
शाहरुख ने मदद के साथ ही कोरोना के खिलाफ जंग में सरकारों और पीएम मोदी, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल के प्रयासों की प्रशंसा की थी। जिसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें लिखा, 'आपके इन शब्दों के लिए धन्यवाद शाहरुख जी। मुश्किल की इस घड़ी में आपका ये योगदान कई लोगों के जीवन के लिए काफी अहम है।' इस पर शाहरुख ने लिखा, 'सर आप तो दिल्लीवाले हो, थैंक यू मत करो, हुक्म करो। अपने दिल्लीवाले भाइयों और बहनों के लिए हम लगे रहेंगे। ईश्वर ने चाहा तो जल्द ही इस मुश्किल से हम जीत कर निकलेंगे। आपकी टीम जो ग्राउंड पर काम कर रही है उन्हें शक्ति मिले।'
पहले आदित्य ठाकरे ने भी किंग खान के इस कदम की सराहना करते हुए लिखा था कि शाहरुख खान जी आपके सपोर्ट के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। आदित्य ठाकरे के ट्वीट का जवाब देते हुए शाहरुख ने लिखा, 'हमें इस समय एक दूसरे को धन्यवाद कहने की जरूरत नहीं है। हम सभी एक परिवार हैं। बहुत खुशी है कि आप महाराष्ट्र के लिए इतना काम कर रहे है। आपको मेरा प्यार।' आदित्य ठाकरे ने लिखा-'लोगों को घर के अंदर रखने का सबसे अच्छा तरीका है कि मेरी कविताएं जनता के सामने पढ़नी चाहिए।'