- सोनू सूद प्रवासी मजदूरों के मसीहा बनकर उभरे हैं।
- सोनू सूद ने एक बार फिर मुश्किल में फंसे शख्स की मदद की है।
- ये शख्स अपनी बीवी का अंतिम संस्कार करने अपने गांव नहीं लौट पा रहा था।
मुंबई. सोनू सूद लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के मसीहा बन गए हैं। दूसरे शहर में फंसे लोगों को उनके घर पहुंचाने के लिए सोनू दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। अब सोशल मीडिया पर एक शख्स ने मदद मांगी कि उनके दोस्त को अपनी वाइफ का अंतिम संस्कार करने वाराणसी जाना है।
नीतेश पांडे नाम के शख्स ने सोशल मीडिया पर लिखा- 'सर मेरे पड़ोसी सीताराम की बीवी का निधन वाराणसी में हो गया है। वह वाराणसी में आध्यात्मिक काम करने के लिए जाना चाहता है। वह कुल तीन सदस्य हैं। सोनू सूद सर हमारे पास आपके अलावा कोई दूसरा ऑप्शन नहीं है।'
सोनू सूद ने तुरंत जवाब दिया है। एक्टर ने इसके अलावा वादा किया कि ट्विटर यूजर का दोस्त अपनी वाइफ का अंतिम संस्कार जरूर करेगा। सोनू ने जवाब में लिखा- 'आपके इस दुख पर मेरी संवेदना है। वह जल्द ही अपने घर पहुंच जाएगा।'
18 हजार से 20 हजार लोगों को पहुंचा चुके हैं घर
सोनू के मुताबिक वह अब तक तकरीबन 18,000-20,000 मजदूरों को बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और झारखंड जैसे राज्यों में अपने घरों तक पहुंचने में मदद कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह तब तक काम करना चाहते हैं जब तक अंतिम प्रवासी अपने घर नहीं पहुंच जाता है।
सोनू सूद ने पीटीआई से कहा- 'मेरा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। मैं यह पूरी तरह से प्रवासियों के लिए अपने प्यार की वजह से कर रहा हूं। मैं प्रवासियों को उनके परिवारों के साथ फिर से मिलाने में मदद करना चाहता हूं।'
राज्यपाल से मिले थे सोनू सूद
सोनू सूद इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से मिले थे। इसके अलावा महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठकारे से भी मिले थे। वहीं, सोनू के नाम पर वॉट्सऐप पर ठगी भी हो रही है। उन्होंने इसका स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है।
सोनू ने अपने ट्विटर हैंडल लिखा-'दोस्तों, कुछ लोग आपकी जरूरत का फायदा उठाने के लिए आपसे संपर्क करेंगे। जो भी सेवा हम श्रमिकों के लिए कर रहें हैं वो बिल्कुल निःशुल्क है। आपसे अगर कोई भी व्यक्ति मेरा नाम लेकर पैसे मांगे तो मना कर दीजिए।'