लाइव टीवी

बॉबी फ‍िल्‍म चलाकर सरकार ने की थी अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ 'साजिश', दिलचस्‍प है 1977 के ये वाकया

Updated Jan 08, 2021 | 06:37 IST

जनवरी 1977 की बात है जब हजारों लोग अटल बिहारी वाजपेयी को सुनने रामलीला मैदान पहुंचे थे। तत्‍कालीन केंद्र सरकार ने इस रैली में लोगों को रोकने के लिए 'बॉबी' फ‍िल्‍म दिखाने का फैसला किया था।

Loading ...
Atal Bihari Vajpayee
मुख्य बातें
  • अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति का सबसे प्रभावशाली वक्‍ता कहा जाता है।
  • रामलीला मैदान में थी उनकी रैली, हजारों की संख्‍या में लोग सुनने के ल‍िए आए थे।
  • सरकार ने लोगों को रैली में जाने से रोकने के ल‍िए 'बॉबी' दिखाने का किया था फैसला।

Bollywood Throwback: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और महान नेता अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति का सबसे प्रभावशाली वक्‍ता कहा जाता है। अटल बिहारी वाजपेयी की शैली ऐसी थी कि लोग उन्‍हें मंत्रमुग्‍ध होकर सुनते थे। उनकी संवाद शैली ऐसी थी कि विपक्षी नेता भी उनके कायल थे। भाषण के बीच में कविताएं सुनाना, यह उनका दिलचस्‍प अंदाज रहा। जनवरी 1977 की बात है जब हजारों लोग अटल बिहारी वाजपेयी को सुनने रामलीला मैदान पहुंचे थे। तत्‍कालीन केंद्र सरकार ने इस रैली में लोगों को रोकने के लिए 'बॉबी' फ‍िल्‍म दिखाने का फैसला किया था। 

दिल्ली के रामलीला मैदान में विपक्षी नेताओं की एक रैली थी। 4 बजे शुरू हुई इस रैली में अटल बिहारी बाजपेयी की बारी आते आते रात के साढ़े नौ बज गए। जैसे ही वाजपेयी बोलने के लिए खड़े हुए, वहां मौजूद हज़ारों लोग भी खड़े हो कर ताली बजाने लगे। उन्‍होंने तालियों को शांत किया और एक मिसरा पढ़ा, ''बड़ी मुद्दत के बाद मिले हैं दीवाने, कहने सुनने को बहुत हैं अफ़साने।''

तालियों का दौर बहुत लंबा चला। शोर रुका तो वाजपेयी ने दो और पंक्तियां पढ़ीं, ''खुली हवा में ज़रा सांस तो ले लें, कब तक रहेगी आज़ादी कौन जाने?'' कड़कड़ाती सर्दी और बूंदाबांदी के बीच वाजपेयी को सुनने के लिए लोग खड़े रहे। सरकार को इसका अंदाजा था कि वाजपेयी की रैली में भारी संख्‍या में लोग पहुंचेंगे ऐसे में सरकार ने साजिश करते हुए दूरदर्शन पर 1973 की सबसे हिट फ़िल्म 'बॉबी' दिखाने का फैसला किया। 

बॉबी फ‍िल्‍म पर भी वाजपेयी भारी पड़े

सरकार रैली में जाने से लोगों को रोकना चाहती थी लेकिन बॉबी फ‍िल्‍म पर भी वाजपेयी भारी पड़े। वाजपेयी ना केवल राजनेता बल्कि शानदार लेखक और कवि भी थे। उनका आलोचना करने का तरीका भी बेहद मधुर था और जीवन के अनुभव बताने का तरीका भी। आज भी उनके भाषण खूब सुने जाते हैं। उनकी कविताएं खूब साझा की जाती हैं। 

फ‍िल्‍मों के शौकीन थे अटल 

अटल बिहारी वाजपेयी सिनेमा के बहुत शौकीन थे। वह दिग्गज अभिनेत्री हेमा मालिनी के बहुत बड़े फैन थे। हेमा मालिनी की फ‍िल्‍में वह जरूर देखते थे। एक इंटरव्यू के दौरान खुद हेमा ने इस बात का खुलासा किया था। हेमा मालिनी की 1972 में आई फिल्म सीता और गीता अटल जी ने 25 बार देखी थी। 
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें Entertainment News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।