- सुशांत सिंह राजपूत के निधन से नेपोटिज्म पर फिर से बहस छिड़ गई है
- कई लोग अपने और दूसरों के स्ट्रगल की कहानियां शेयर कर रहे हैं
- दिवंगत एक्टर इंदर कुमार की पत्नी ने भी नेपोटिज्म पर बात की है
सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से बॉलीवुड में नेपोटिज्म को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। नेपोटिज्म को लेकर कई बॉलीवुड सेलेब्रेटीज को निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में दिवंगत एक्टर इंदर कुमार की पत्नी पल्लवी ने बताया है कि कैसे उनके पति को भी नेपोटिज्म का शिकार होना पड़ा था। बता दें कि टीवी और बॉलीवुड एक्टर इंदर कुमार का साल 2017 में कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया था। इंदर ने 90 के दशक में 'मासूम' फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा था। वह सलमान खान की वॉन्टेड फिल्म में भी काम कर चुके थे। इसके अलावा उन्होंने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' सीरियल में मिहिर की भूमिका भी निभाई थी।
अपनी पोस्ट में पल्लवी ने लिखा, 'इन दिनों हर कोई नेपोटिज्म की बात कर रहा है। सुशांत सिंह राजपूत की तरह मेरे दिवंगत पति अभिनेता इंदर कुमार ने भी अपने दम पर फेम हासिल किया था। वह 90 के दशक में चरम पर थे। अपनी मौत से पहले मुझे अभी भी याद है कि वह दो लोगों के पास मदद के रूप में काम मांगने के लिए गए थे।' उन्होंने लिखा, 'जब वह करण जौहर के पास गए मैं भी वहीं थी। सबकुछ मेरे सामने हुआ। उन्होंने हमें दो घंटे तक अपनी वैन के बाहर इंतजार कराया। उसके बाद उनकी मैनेजर गरिमा आई और कहने लगी कि करण बिजी हैं।'
पल्लवी ने लिखा, 'लेकिन हमने इंतजार किया और जब करण बाहर आए तो उन्होंने कहा कि इंदर आप गरिमा के साथ संपर्क में रहना। फिलहाल आपके लिए कोई काम नहीं है। इंदर ने ऐसा ही किया। अगले 15 दिनों तक फोन करने पर कहा जाता कि इस समय कोई काम नहीं है। उसके बाद इंदर को ब्लॉक कर दिया गया।' वहीं, 'जीरो' फिल्म के सेट पर शाहरुख खान के साथ इंदर की मुलाकात के बारे में बात करते हुए पल्लवी ने लिखा शाहरुख ने भी करण की तरह ही नजर अंदाज किया।
पल्लवी ने लिखा कि शाहरुख खान ने भी इंदर का साथ वैसा ही व्यवहार किया। इंदर ने जब उनसे मुलाकात की तो कहा गया कि आपको एक हफ्ते में बुलाएंगे। फिलहाल कोई काम नहीं है। यह सब 'जीरो' फिल्म के सेट पर हुआ। बाद में उनकी मैनेजर पूजा के साथ संपर्क में रहने के लिए कहा गया। उन्होंने भी गरिमा की तरह किया। कोई कल्पना कर सकता है और यकीन कर सकता है कि इन दो प्रोडक्शन हाउस में कोई काम नहीं होगा। पल्लवी ने आखिर में कहा कि प्रतिभाशाली लोगों की मदद करना इतना मुश्किल क्यों है? वे किस चीज से इतना डरते हैं। नेपोटिज्म बंद होना चाहिए और सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।