शोले के गब्बर यानी अमजद खान की आज 79वीं जयंती है। अमजद खान को एक्टिंग विरासत में मिली थीं। उनके पिता जकारिया खान (जयंत) भी फिल्मों में विलेन का किरदार निभाया करते थे। अमजद खान का जन्म 12 नवंबर 1940 को पेशावर (अब पाकिस्तान) में हुआ था।
अमजद खान ने 'शोले' के अलावा 'परवरिश', 'मुकद्दर का सिकंदर', 'लावारिस', 'हीरालाल-पन्नालाल', 'सीतापुर की गीता' जैसी फिल्मों में काम किया है। हालांकि, शोले उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। हालांकि, गब्बर सबसे पहले अभिनेता डैनी को गब्बर का रोल ऑफर हुआ था।
अमजद खान की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उनकी साल 1972 में शेहला खान से लव मैरिज हुई थी। शहला महज 14 साल की थी जब अमजद उन्हें दिल दे बैठे थे। एक इंटरव्यू में शेहला ने बताया कि अमजद उनके घर के पास ही रहते थे।
शोले का सीन हेमा मालिनी का 'जब तक है जान' गाना अभी तक पॉपुलर है। गाने से पहले वीरू रस्सी से बंधा होता है। गब्बर को बसंती का हाथ पकड़कर उन्हें डराना है। अमजद खान अपने किरदार में इतना डूब गए कि उन्होंने हेमा मालिनी का हाथ जोर से पकड़ लिया था।
हेमा मालिनी की बाहों और कंधों में कई दिनों तक दर्द रहा था। धर्मेंद्र को जब ये पता चला तो वह अमजद खान से नाराज हो गए थे। अमजद खान ने माफी मांगी लेकिन, धर्मेंद्र का गुस्सा शांत नहीं हुआ। हालांकि, शूटिंग के दौरान वह और धर्मेंद्र दोस्त बन गए।
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