- बाबा रामदेव ने बताई संन्यास लेने की अपनी कहानी
- सुरों से सराबोर इंडियन आइडल के मंच पर पहुंचे योगगुरु
- बताया कैसे शुरू हुआ धर्म और आध्यात्म का सफर
मुंबई: बाबा रामदेव आज पूरे देश में एक जाना माना नाम हैं। योग कराकर लोगों को फिटनेस मंत्र देने के साथ वह पतंजलि ब्रांड के संस्थापक बनने के बाद उद्योग जगत में भी एक जाना माना नाम हैं। इन दिनों बाबा रामदेव टीवी जगत की सुर्खियों में छाए हुए हैं इसकी वजह है इंडियन आइडल में उनका पहुंचना और सुरों के मंच से अपने अतीत के बारे में कई सारी कहानियां सुनाना।
इंडियन आइडल के आगामी एपिसोड का माहौल पहले से कहीं ज्यादा भक्ति भरा दिखने वाला है और इस दौरान अतिथि के रुप में आए बाबा रामदेव अपने जीवन से जुड़ी कहानियां भी लोगों के साथ साझा करेंगे। इस एपिसोड के दौरान बाबा रामदेव ने पहली बार खुलासा किया है कि उन्होंने कब अपने जीवन में संन्यास का प्रण लिया था। बाबा ने शो में हिस्सा ले रहे प्रतियोगियों को आशीर्वाद देते हुए बताया का रामनवमी के दिन ही उन्होंने 27 साल पहले अपने जीवन में संन्यास का फैसला किया था।
योगगुरु ने कहा कि रामनवमी और राम उनके जीवन में उनके दिल के बहुत करीब हैं क्योंकि इसी दिन उन्होंने जीवन की सभी विलासिताओं को छोड़कर संन्यास लेने का फैसला किया था।
उन्होंने कहा, '27 साल पहले राम नवमी के अवसर पर ही मैंने अपने जीवन को सादगीपूर्ण ढंग से जीने और सभी ऐशो आराम को त्यागने का फैसला किया था। राम नवमी मेरे हृदय में एक विशेष स्थान रखती है, क्योंकि यही वो दिन है, जब मुझे एक नया जन्म मिला। और मैंने सादगीपूर्ण ढंग से जीवन जीना शुरू कर दिया। आज मैं इंडियन आइडल के सभी प्रतिभागियों को अपना आशीर्वाद देना चाहूंगा, जिनकी आवाज सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। ये इतनी मधुर आवाजें हैं कि आपको एक अलग ही लोक में ले जाती हैं. मैं इन सभी को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं।'
जब पड़ा पैरालिसिस का दौरा: बहुत कम लोग जानते हैं कि बाबा रामदेव का पुराना नाम राम किशन यादव है और वह हरियाणा के महेंद्रगढ़ में जन्मे थे। एक दिन 8 साल की उम्र में स्कूल से वापस आते हुए उनका पूरा शरीर अकड़ना शुरू हो गया और वह जमीन पर गिर पड़े। उनके दोस्तों को समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें क्या हुआ है।
पता चला उन्हें लकवा मार गया है और आधा शरीर पैरालिसिस अटैक के प्रभाव में आ गया था। स्कूल और खेल छूटने के बाद बाबा रामदेव को योग का सहारा मिला और इसी के अभ्यास से वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गए। आज वह लाखों अस्वस्थ लोगों के जीवन में योग को लाकर उनकी भी मदद कर रहे हैं।