मुंबई : साउथ के सिनेमा में कई ब्लॉकबस्टर देने वाले महेश बाबू के गुड लुक्स और टैलेंट को देखते हुए कई लोग ये सवाल करते थे कि वो बॉलीवुड में क्यों नहीं आते हैं। जिस महेश ने हाल ही में कहा था कि बॉलीवुड उनको अफोर्ड नहीं कर सकता है। महेश बाबू की इस बात पर कंगना रनौत से भी सवाल किया गया था। कंगना की आने वाली फिल्म धाकड़ के ट्रेलर लॉन्च पर उनसे महेश बाबू के कमेंट पर जवाब मांगा गया तो उन्होंने साउथ के सुपरस्टार के बचाव में आकर बात कही। कंगना की ये फिल्म 20 मई को रिलीज हो रही है।
कंगना ने कहा कि महेश बाबू ने हमेशा अपने काम और इंडस्ट्री की इज्जत की है। मैं जानती हूं कि बॉलीवुड के कई फिल्ममेकर्स ने अप्रोच किया है और अगर वो किसी हिंदी फिल्म में काम नहीं कर रहे हैं तो इसका मतलब यही है कि बॉलीवुड उनको अफोर्ड नहीं कर सकता है। और हर छोटी बात पर बड़ा विवाद नहीं बनाना चाहिए।
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बता दें कि हैदराबाद में अपने नए प्रोजेक्ट मेजर के एक प्रमोशनल इवेंट के दौरान तेलुगु स्टार ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि - मेरी बात से आप लोग मुझे घमंडी समझ सकते हैं। मुझे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से कई ऑफर आते हैं लेकिन मुझे लगता है कि मैं उनके बूते से बाहर हूं। मैं अपना वक्त खराब नहीं करना चाहता। जो स्टारडम और प्यार मुझे तेलुगु सिनेमा में मिला है, उसे पाने के बाद मैं किसी और इंडस्ट्री में जाने के बारे में सोच भी नहीं सकता।
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हालांकि महेश बाबू ने बाद में अपनी बात पर सफाई देते हुए कहा कि वह हर भाषा का भरपूर सम्मान करते हैं लेकिन वह तेलुगु सिनेमा में काम करके ज्यादा खुश हैं। कंगना रनौत का महेश बाबू के बयान पर कहना है कि वह तो बस फैक्ट्स बताने की कोशिश कर रहे थे। उनकी जेनरेशन के हीरोज ने तेलुगु इंडस्ट्री को देश में नंबर 1 बनने तक पहुंचाया है। बेशक अब वह बॉलवुड के बूते से बाहर हैं। मुझे नहीं लगता कि उनकी बात को इतने बड़े विवाद में बदलना चाहिए।
कंगना का ये भी कहना है कि वह नहीं जानती कि किस संदर्भ में महेश ने ये बात कही थी, लेकिन बॉलीवुड में वह खुद और कई दूसरे सितारे भी अक्सर मजाक करते हैं कि वे लोग हॉलीवुड के बस की बात नहीं हैं।
वहीं भाषा विवाद पर कंगना का कहना था कि वह इस बारे में बात नहीं करना चाहती हैं क्योंकि इस देश में कई भाषाएं बोली जाती हैं और इनमें से किसी का भी ओहदा दूसरे से कम नहीं है। इसी के साथ कंगना ने ये भी कहा कि भारतीय सिनेमा के आगे बढ़ने के लिए क्षेत्रीय सिनेमा का आगे बढ़ना जरूरी है। इससे हमारे थिएटर्स की स्क्रीन हॉलीवुड को कम मिलेंगी।