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जहां हुआ अंतिम संस्कार, अब वहीं बना सिद्धू मूसे वाला का स्मारक स्थल, रोजाना आते हैं कई फैन्स

Updated Jun 06, 2022 | 13:45 IST

Sidhu Moose Wala pilgrimage spot photos: अभी भी सिद्धू मूसे वाला के फैन्स उनकी मौत के सदमे से उभर नहीं पा रहे हैं कि वो अब हमारे बीच नहीं हैं। दूर-दूर से लोग उनको श्रद्धांजलि देने आ रहे हैं...

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सिद्धू मूसेवाला।
मुख्य बातें
  • सिद्धू मूसे वाला अब हमारे बीच नहीं हैं
  • अभी भी सिद्धू मूसे वाला के फैन्स इस सदमे से उभर नहीं पा रहे हैं
  • दूर-दूर से लोग उनको श्रद्धांजलि देने आ रहे हैं

Sidhu Moose Wala pilgrimage spot:  शुभदीप सिंह सिद्धू, जिन्हें सिद्धू मूसे वाला के नाम से जाना जाता रहा है वो अब हमारे बीच नहीं हैं। साल 2019 में 'लीजेंड' एल्बम के साथ इंडस्ट्री में कदम जमाने वाले सिद्धू मूसे वाला और उनके फैन्स ने कभी नहीं सोचा होगा, कि वह एक दिन इस तरह से सबको छोड़ कर चले जाएंगे। अभी भी सिद्धू मूसे वाला के फैन्स इस सदमे से उभर नहीं पा रहे हैं कि वो अब हमारे बीच नहीं हैं। दूर-दूर से लोग उनको श्रद्धांजलि देने आ रहे हैं। 

नई जानकारी के मुताबिक जहां सिद्धू मूसे वाला का अंतिम संस्कार किया गया, वहां पर अब उनका स्थान बना दिया गया है। ईंटों से एक छोटा सा मंच बनकर उस पर मूसे वाले की तस्वीर लगाकर माला चढ़ा दी गई है। उस जगह को एक तरह से सिद्धू मूसे वाला का स्थान बना दिया गया है, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था। इतना ही नहीं वहां श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की भीड़ लगातार उमड़ रही है। सिर्फ युवा ही नहीं बल्कि अधेड़ उम्र के कपल, फैमिली, बच्चे और बुजुर्ग भी उनके चित्र के सामने पैसे चढ़ाते हैं और फूलों की मालाएं चढ़ाते नजर आ रहे हैं। 

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रविवार को दोपहर जब टाइम्स ऑफ इंडिया के संवाददाता वहां गए, तो विभिन्न जगहों से सैकड़ों लोग वहां जमा हो गए थे। लोगों को मूसे वाला की तस्वीर के पास खड़े होकर सेल्फी लेते, तस्वीरें क्लिक करते और वीडियो क्लिप तैयार करते दिख रहे हैं। लोगों का लगता है कि लीजेंड्स कभी नहीं मरते हैं वो अमर हो जाते हैं। दूर-दूर से आने वाले ज्यादातर लोग सिद्धू मूसे वाला के माता-पिता के प्रति संवेदना नहीं जता पा रहे हैं, लेकिन वे श्मशान स्थल पर पूजा-अर्चना कर वापस चले जा रहे हैं। यहां तक ​​कि 31 मई को अंतिम संस्कार के दिन भी हजारों लोग मूसेवाला को अंतिम विदाई देने के लिए इकट्ठा हुए थे, जो कि 45 डिग्री सेल्सियस की गर्मी से बेपरवाह खड़े थे। 

जैसा कि हम जानते हैं सिद्धू मूसे वाला के माता-पिता ने गांव के श्मशान घाट के बजाय अपने खेतों में उसका अंतिम संस्कार करना चुना था। वे अपने बेटे के लिए एक स्मारक बनाना चाहते हैं, जिसकी मृत्यु 28 साल की उम्र में हो गई। 

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