- जयललिता की बायोपिक थलाइवी का ट्रेलर रिलीज हो गया है।
- ट्रेलर में में चर्चित तमिलनाडु विधानसभा प्रकरण भी दिखाया है।
- जयललिता का अपमान हुआ था। इसने तमिलनाडु की पूरी सियासत को बदल दिया।
मुंबई. जयललिता की बायोपिक थलाइवी का ट्रेलर रिलीज हो गया है। ट्रेलर में जयललिता की जिंदगी के कई पहलुओं को दिखाया है। इसमें चर्चित तमिलनाडु विधानसभा प्रकरण भी है। जहां भरी सभा में जयललिता का अपमान हुआ था। इसने तमिलनाडु की पूरी सियासत को बदल दिया।
25 मार्च 1989 को तमिलनाडु विधानसभा में बजट पेश किया जा रहा था। डीएमके प्रमुख और तत्कालीन मुख्यमंत्री करुणानिधि ने जैसे ही सदन में बजट भाषण पढ़ना शुरू किया तो कांग्रेस विधायकों ने प्वाइंट ऑफ ऑर्डर उठाया।
विधायकों ने दावा किया कि पुलिस विपक्ष की नेता जयललिता के खिलाफ गैर कानूनी ढंग से काम कर रही है। जयललिता ने सदन में उठकर शिकायत की कि मुख्यमंत्री के उकसाने पर उनके फोन को टैप किया जा रहा है। बजट प्रस्तुत होने के कारण स्पीकर ने इस पर बहस की अनुमति नहीं दी।
अन्नाद्रुमुक के विधायकों का हंगामा
स्पीकर की बात सुनने के बाद कांग्रेस और अन्नाद्रुमुक ने हंगामा कर दिया। वह सदन के वेल में पहुंच गए। विपक्ष के एक विधायक ने गुस्से में सीएम करुणानिधि को धक्का दिया, जिससे उनका चश्मा फर्श पर गिरकर टूट गया।
अन्नाद्रुमुक के एक विधायक ने बजट के पन्नों को फाड़ दिया। स्पीकर ने इसके बाद सदन को स्थगित कर दिया। जयललिता जैसी ही सदन से बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी, तभी एक सदस्य ने उन्हें रोकने की कोशिश की। तभी जयललिता की साड़ी का पल्लू गिर गया।
जयललिता ने ली ये प्रतिज्ञा
अन्नाद्रुमुक के एक विधायक ने जयललिता को जैसे-तैसे छुड़वाया। इसके बाद जयललिता ने प्रतिज्ञा ली कि वह विधानसभा में तभी कदम रखेंगी जब वह खुद सीएम बन जाएंगी और प्रदेश महिलाओं के लिए सुरक्षित हो जाए।
इस घटना के दो साल बाद 1991 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके और कांग्रेस गठबंधन ने 234 सीटों में से 225 पर जीत हासिल की। जयललिता पहली बार सीएम बनीं। जयललिता ने एक मामले में आधी रात को करुणानिधि को नींद में उठाकर हवालात में डाल दिया।