- जॉन अब्राहम की ब्लॉकबस्टर फिल्म सत्यमेव जयते की सीक्वल है।
- मिलाप झावेरी के निर्देशन में बनी है फिल्म सत्यमेव जयते 2।
- उत्तर प्रदेश की पृष्ठभूमि पर आधारित है फिल्म की कहानी।
Satyameva Jayate 2 Movie Review in Hindi: लंबे इंतजार के बाद सिनेमाघर खुले हैं तो एक के बाद एक फिल्में रिलीज हो रही हैं। अक्षय कुमार की सूर्यवंशी, सैफ अली खान की बंटी और बबली 2 के बाद अब बॉलीवुड स्टार जॉन अब्राहम (John Abraham) और अदाकारा दिव्या खोसला कुमार (Divya Khosla Kumar) की फिल्म सत्यमेव जयते 2 (Satyameva Jayate 2) भी आज थियेटर्स में पहुंच गई है। मिलाप झावेरी के निर्देशन में बनी ये फिल्म साल 2018 में रिलीज हुई जॉन अब्राहम की ब्लॉकबस्टर फिल्म सत्यमेव जयते की सीक्वल है। इस फिल्म में एक्टर जॉन अब्राहम ट्रिपल रोल में नजर आए हैं। इस फिल्म की रिलीज से पहले ही मीडिया और सोशल मीडिया में काफी बज नजर आ रहा था। इसलिए फिल्म का बेसब्री से दर्शक और समीक्षक इंतजार कर रहे थे।
ऐसी है कहानी
जुड़वा भाई सत्या और जय जुर्म, भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ लड़ते हैं। किसान पिता दादासाहेब बलराम आजाद से यह जज्बा उन्हें खून में मिला है। तीनों ही भूमिकाओं में जॉन अब्राहम ही हैं। यूपी के ईमानदार और भ्रष्टाचार विरोधी गृहमंत्री के रूप में सत्या बहुत कुछ अच्छा करना चाहता है। वह जनहित के प्रस्ताव पारित करना चाहता है लेकिन बेईमानी के आगे वह बेबस हो जाता है। विपक्षी दल में सत्या की विधायक पत्नी विद्या (दिव्या खोसला कुमार) जो उसके अच्छे कामों का साथ देती हैं, वहीं विद्या के पिता (हर्ष छाया) मुख्यमंत्री के रोल में हैं। सत्यमेव जयते 2 देखते हुए आपको अमिताभ बच्चन की फिल्म शहंशाह याद आती है चुंकि दिन में अहिंसा का मार्ग अपनाने वाला सत्या रात में अपराधियों पर कहर बनकर बरसता है। दोनों के पिता 25 साल पहले लोकपाल बिल को लेकर चली लंबी लड़ाई के दौरान मारे गए थे। उनकी आदमकद प्रतिमा अब विधानसभा के सामने लगी है। दोनों की मां गौतमी ने अच्छा किया है।
जब आता है कहानी में ट्विस्ट
जनता इस बात से काफी खुश होती है कि अपराधियों को बुरी मौत मारा जा रहा है लेकिन रात में अपराधियों का खात्मा करने वाले इस इंसान को लेकर हंगामा होने लगता है। मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचता है और मसीहा बनकर कानून में हाथ लेने वाले आदमी को पकड़ने के लिए बेस्ट ऑफिसर जय को बुलाते हैं। जय किसी की नहीं सुनता। यहां से दोनों भाई आमने सामने आ जाते हैं। फिल्म देखने के बाद आप जान पाएंगे कि क्या होगा जब दोनों भाई अपने अपने मिशन के लिए आमने सामने आ जाएंगे। दोनों भाई काफी पॉवरफुल हैं, एक तूफान तो दूसरा चट्टान है।
ऐसी है फिल्म
सत्यमेव जयते 2 देखते हुए लगता है कि यह एक कंपलीट मसाला फिल्म है जिसमें भावनाएं हैं, एक्शन है और हर वो चीज है जो एक फिल्म में दर्शक चाहता है। जॉन अब्राहम ने तीनों भूमिकाओं को बखूबी निभाया है। उनके पंच, डायलॉग्स और फाइट सीक्वेंस सीटियां बजाने को मजबूर करते हैं। दिव्या खोंसला कुमार ने अच्छा काम किया है। उनकी एक्टिंग ईमानदार रही है। देशभक्ति से भरे डायलॉग्स दर्शकों को पसंद आने वाले हैं। फिल्म में महात्मा गांधी और भगत सिंह के विचारों की बात है।
फिल्म का संगीत भी दिलकश है और कहानी पूरी फिल्मी है। निर्देशक मिलाप मिलन झावेरी ने सिंगल स्क्रीन्स को ध्यान में रखकर सत्यमेव जयते बनाई है, इसमें कोई शक नहीं। वह अपनी फिल्मों में 80 और 90 के दशक के एक्शन हीरोज की छवि को दिखाने के लिए मशहूर भी हैं। इससे पहले वह फिल्म मरजावां में सिद्धार्थ मल्होत्रा को इसी अंदाज में दिखा चुके हैं। मिलाप कहते हैं कि फिल्म ‘सत्यमेव जयते 2’ एक तरह से मनमोहन देसाई को उनकी श्रद्धांजलि है।कुल मिलाकर सत्यमेव जयते 2 देखी जाने वाली फिल्म है। हालांकि इसमें सस्पेंस कोई खास नहीं, असलियत के करीब ये फिल्म बिलकुल नजर नहीं आती लेकिन मनोरंजन के लिहाज से देखेंगे तो पसंद आएगी।