Arun Govil Interview: 33 साल पहले रामानंद सागर के धारावाहिक रामायण में भगवान राम का रोल निभाकर घर घर में पहचाने जाने वाले अभिनेता अरुण गोविल को कोई पुरस्कार ना मिलने का मलाल है। अपने इस किरदार की बदौलत लोकप्रियता के शिखर को चूमने वाले अरुण गोविल का एक इंटरव्यू में यह दर्द छलक गया। अरुण गोविल ने इंटरव्यू में अपनी कला की उपेक्षा के लिए ना केवल केंद्र सरकार बल्कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार को भी दोषी ठहराया।
बता दें कि भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल शनिवार (25 अप्रैल) को हमारे सहयोगी फिल्मफेयर के साथ ट्विटर पर एक इंटरव्यू में भाग ले रहे थे। इसी इंटरव्यू में उनसे एक सवाल पूछा गया- आपका योगदान अभिनय जगत में कमाल है, खासकर रामायण में, लेकिन आपको रामायण के लिए भी किसी पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया...?
इस सवाल के जवाब में अरुण गोविल ने कहा- चाहे कोई राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, मुझे आज तक किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया है! मैं उत्तर प्रदेश से हूं, लेकिन उस सरकार ने भी मुझे आज तक कोई सम्मान नहीं दिया और यहां तक कि मैं पचास साल से मुंबई में हूं, लेकिन महाराष्ट्र की सरकार ने भी कोई सम्मान नहीं दिया।
लॉकडाउन में छाई रामायण
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू है। इसके चलते सभी लोग अपने घरों में हैं। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ट्विटर पर यूजर्स ने सूचना प्रसारण मंत्रालय से रामायण के पुन: प्रसारण की मांग की थी जिसे मान लिया गया और यह शो दोबारा प्रसारित किया जाने लगा। नतीजा यह हुआ कि रामायण ने टीआरपी के नए कीर्तिमान रच दिए। यह शो 2015 से लेकर अब तक टीवी पर सबसे अधिक देखा जाने वाला शो बन गया।
मेरठ के रहने वाले हैं अरुण गोविल
12 जनवरी 1960 को जन्मे अरुण गोविल आज भी कहीं नजर आ जाते हैं तो बुजुर्ग हो या नौजवान, किसी का भी हाथ श्रद्धा भाव से इनके सामने जुड़ ही जाता है। रामायण में राम का रोल निभाकर घर घर में पहचाने जाने वाले अरुण गोविल उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले हैं। शूटिंग के दौरान लोग अरुण गोविल से आशीर्वाद लेने पहुंच जाते थे। लोग टीवी को फूलों की माला की माला चढ़ाते थे, अगरबत्ती और धूपबत्ती लगाकर हाथ जोड़ बैठ जाते थे।