- रामायण के 'राम' अरुण गोविल ने राम मंदिर पर की बात
- अरुण गोविल बोले- हमने मराज्य की परिभाषा समझने की शुरुआत कर दी है
- अरुण गोविल ने बताया कि रामायण का उनके करियर पर क्या असर पड़ा
साल 1987 में शुरू हुई रामायण को एक बार फिर से टेलिविजन पर प्रसारित किया जा रहा है। अब लॉकडाउन में एक बार फिर से शो को टेलिकास्ट किया जा रहा है और इस बार भी इसे दर्शकों का उतना ही प्यार मिल रहा है जितना पहले मिला था। शो के एक्टर्स से जुड़ी तमाम नई चीजें सामने आ रही हैं।
अब हाल ही में रामायण में राम का रोल निभाने वाले अरुण गोविल ने फिल्मफेयर को एक इंटरव्यू दिया और सोशल मीडिया पर पूछे गए सवालों का जवाब दिया। अरुण गोविल से पूछा गया कि रामायण के पहले अरुण गोविल और रामायण के बाद के अरुण गोविल को कैसे आप परिभाषित करेंगे? इसपर उन्होंने कहा कि मेरे अंदर पहले से भगवान राम के कुछ गुण हैं। उन्होंने कहा, 'शायद यही कारण रहा कि राम का चरित्र मुझसे इतने अच्छे से हो सका। इसका सही जवाब मेरे आस-पास के लोग दे सकेंगे।'
इसके साथ ही उन्होंने अपने काम को लेकर भी बात की। उनसे पूछा गया कि क्या रामायण बाद अपनी इस इमेज की वजह से उन्हें मुश्किल हुई? इसपर अरुण गोविल ने बताया कि रामायण के बाद उन्हें कमर्शियल फिल्में मिलनी बंद हो गईं थीं। उन्होंने कहा,' हर बात के निगेटिव-पॉजिटिव पहलू होते हैं। रामायण से मुझे जो कुछ मिला, वह शायद मैं कितनी भी फिल्में कर लेता, मुझे नहीं मिलता। भगवान राम ने अपना नाम मेरे साथ जोड़ दिया, और क्या देगा भगवान? मैं इंसान ही बना रहूं, बहुत है मेरे लिए।'
राम मंदिर पर बोले अरुण गोविल
अरुण गोविल से पूछा गया कि राममंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और अब रामायण का प्रसारण, क्या अब हम रामराज्य की कल्पना कर सकते हैं? इसपर उन्होंने कहा, 'हम सबने शुरुआत तो कर दी है रामराज्य की सही परिभाषा समझने की। अगर हम राम जी के व्यक्तित्व के तीन गुण - संकल्प, संयम और मर्यादा को अपना लें तो हम सब अपने देश के लिए कुछ भी कर सकते हैं।'