- साल 2014 में दीपिका हुई थीं डिप्रेशन का शिकार
- किसी से मिलना नहीं चाहती थीं दीपिका
- दूसरों को जागरूक करने के लिए दीपिका चलाती हैं संस्था
Deepika Padukone Struggle: बॉलीवुड की ग्लैमरस और वर्सटाइल अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को देख उनके फैंस आहें भरते हैं। लोग उनकी पर्सनाल्टी से आकर्षित नजर आते हैं। साथ ही वे उनको अपना आदर्श मानते हैं, लेकिन हमेशा मुस्कुराने वाली दीपिका एक वक्त कभी खुद निराशा की शिकार हो गई थीं। अपने करियर के शुरुआती दिनों में वह डिप्रेशन में आ गई थीं। इतना ही नहीं एक वक्त उन्होंने जीने की आस तक छोड़ दी थी। ये बात खुद एक्ट्रेस ने KBC13 के मंच पर कही। अपने बीते दिनों को याद कर दीपिका भावुक भी हो गईं।
उन्होंने बताया कि एक समय वह डिप्रेशन का शिकार हो गई थीं। उन्हें कुछ अच्छा नहीं लगता था। उन्हें न किसी मिलना पसंद था और न ही कहीं बाहर जाना। वह अकेले रहना चाहती थीं। दीपिका ने कहा, ‘मुझे ऐसा लगता था कि मुझे काम पर नहीं जाना है। मैं कुछ नहीं करना चाहती थी। कई बार….मुझे नहीं पता ये बात मुझे कहना चाहिए या नहीं लेकिन जीने की…मुझे लगता था कि अब मुझे जिंदा नहीं रहना है।’ हालांकि दीपिका ने यह भी बताया कि उनके पिता ने उन्हें हौंसला दिया और उन्होंने खुद इससे बाहर निकलने के लिए हिम्मत जुटाई।
दीपिका पादुकोण ने अपना ये अनुभव केबीसी 13 शो में पूछे गए एक सवाल के जवाब के तौर पर दिया। यह एपिसोड शुक्रवार को टेलीकास्ट हुआ था। ‘शानदार शुक्रवार’ एपिसोड में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और कोरियोग्राफर, डायरेक्टर फराह ख़ान के साथ पहुंची थीं। दोनों ने शो के होस्ट अमिताभ बच्चन से ढेर सारी बातें की।
दीपिका ने यह भी कहा, ‘साल 2014 में मुझे डिप्रेशन हुआ था और उसके बाद मैंने एक मेंटल हेल्थ फाउंडेशन सेटअप किया जहां हम मेंटल हेल्थ को डीस्टिगमेटाइज करते हैं। हम मेंटल हेल्थ के बारे में जागरूकता फैलाते हैं।’ दीपिका की आप बीती सुनकर अमिताभ बच्चन ने उनसे कहा, ‘हम सब प्रार्थना करते हैं कि आप स्वस्थ रहें और कभी भी ऐसी स्थिति न आए।’