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Mahabharat ka Bheem: एश‍ियन गेम्‍स में गोल्‍ड मेडल जीत चुके थे Praveen Kumar, आज के हालात कर देंगे इमोशनल

मेधा चावला | SENIOR ASSOCIATE EDITOR
Updated May 22, 2020 | 18:05 IST

Mahabharat Bheem real name Praveen Kumar Sobti : महाभारत जब बनी थी, तब बॉडी बिल्‍ड‍िंग का ज्‍यादा चलन नहीं था। फ‍िर कैसे एश‍ियन गेम्‍स में गोल्‍ड जीतने वाले प्रवीण कुमार भीम बन गए और आज कहां, क्‍या कर रहे हैं।

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Mahabharat Bheem real name Praveen Kumar Sobti
मुख्य बातें
  • महाभारत में प्रवीण कुमार सोबती ने निभाया था भीम का किरदार
  • इससे पहले वह एश‍ियन गेम्‍स में भारत के लिए गोल्‍ड जीत चुके थे
  • अर्जुन अवॉर्ड से नवाजे गए प्रवीण ने राजनीति में हाथ आजमाया है और द‍िल्‍ली से चुनाव लड़ चुके हैं

महाभारत के प्रसारण के कई साल बाद भी जो चेहरे अपने किरदारों के लिए याद क‍िए जाते हैं, उनके भीम भी हैं। भीम पांडुओं में युध‍िष्‍ठ‍िर के बाद दूसरे नंबर के भाई थे और अत्‍यंत बलशाली थे। इस क‍िरदार को बीआर चोपड़ा के शो में प्रवीण कुमार सोबती ने निभाया था। 6 दिसंबर 1947 को जन्मे प्रवीण उस समय स्‍पोर्ट्स पर्सन हुआ करते थे। लेकिन भीम के किरदार के तौर पर उनको इतनी लोकप्र‍ियता म‍िली क‍ि उनकी बाकी उपलब्‍ध‍ियां इसके आगे बौनी रह गईं। 

एश‍ियन र‍िकॉर्ड से ओल‍िंप‍िक तक 

महाभारत के भीम नाम से लोकप्र‍िय प्रवीण कुमार ने इस क‍िरदार को निभाने से पहले एशियन गेम्स में कई पदक जीते हैं ज‍िनमें से दो गोल्‍ड भी हैं। वह हैमर और डिस्कर थ्रो यानी गोला और चक्का फेंकनेमें एश‍िया में र‍िकॉर्ड बना चुके हैं। वहीं दो बार ओल‍िंप‍िक में भारत का प्रत‍िन‍िध‍ित्‍व भी कर चुके हैं। 

कैसे मिला भीम का रोल 

खेल के ही दम पर प्रवीण को सीमा सुरक्षा बल में डिप्टी कमांडेंट की नौकरी मिल गई थी लेकिन क‍िस्‍मत में कुछ और ल‍िखा था। प्रवीण ने एक इंटरव्‍यू में बताया था कि वो एशियन खेलों में हिस्सा लेने के लिए हैमर थ्रो की प्रैक्टिस कर रहे थे। इसी दौरान उनकी मुलाक़ात एक कास्टिंग डायरेक्टर से हुई और करीब साल भर बाद उन्हें मुंबई से बुलावा आया और कुछ छोटे मोटे रोल उनके हाथ लगे।

प्रवीण ने बताया था क‍ि महाभारत की पूरी कास्ट फ़ाइनल हो चुकी थी और भीम की तलाश जारी थी। जैसे ही प्रवीण उस समय बी आर चोपड़ा के सामने गए, उन्‍होंने तुरंत कहा क‍ि भीम मिल गया है, शूटिंग की तैयारी करो। 

रोल हर पहचान पर भारी 

खेलों में उत्‍कृष्ट प्रदर्शन के लिए भीम यानी प्रवीण को अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा गया था। उन्‍होंने बॉलीवुड में भी हाथ आजमाया। लेकिन एक इंटरव्‍यू में प्रवीण कुमार ने माना था क‍ि भीम के रोल की वजह से लोग लाइन में लगकर उनके पैर छूते थे और उनको बहुत मान मिलता था। लेकिन इस वजह से वह टाइपकास्‍ट हो गए और उनको एक खास इमेज में बांध द‍िया गया। इसका उनको अफसोस है। 

राजनीति की पारी 

उम्र में 70 का आंकड़ा पार कर चुके प्रवीण कुमार ने राजनीति में भी हाथ आजमाया क‍ि शायद यहां कुछ अलग करने का मौका मिल जाए। उन्‍होंने 2013 में दिल्ली के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। इसके बाद 2014 में 'भीम' भाजपा के सदस्‍य हो गए। 

आज हैं लाइमलाइट से दूर और तन्‍हा 

बीबीसी को एक इंटरव्‍यू में प्रवीण कुमार ने बताया था क‍ि अब उनसे मिलने लोग नहीं आते। वहीं उनकी तबीयत भी ठीक नहीं रहती है और चलने में उनको छड़ी का सहारा लेना पड़ता है। कई हाथ‍ियों का बल रखने वाले भीम का किरदार निभाकर उसे एक चेहरा देने वाले कलाकार की ये हालत दुखद है। 


 

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