- 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग कलाकारों के शूटिंग करने पर सरकार ने लगाई थी रोक
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने रद्द किया महाराष्ट्र सरकार का प्रस्ताव
- एक्टर्स की याचिकाओं के बाद अदालत ने दिया है फैसला
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 65 साल से ज्यादा उम्र के फिल्म, टीवी कलाकारों के साथ अन्य सदस्यों के संबंध में जारी किए गए महाराष्ट्र सरकार के प्रस्ताव को रद्द कर दिया है। नियमों के तहत बुजुर्ग कलाकारों को काम करने पर रोक लगाई गई थी। कोविड-19 संकट को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार के नियम के तहत इन लोगों के स्टूडियो या बाहर की जगहों पर काम करने से रोका गया था।
पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के अनुसार न्यायमूर्ति एस. जे. काथावाला और न्यामूर्ति आर.आई. चगला ने 30 मई और 23 जून को राज्य सरकार की ओर से जारी प्रस्तावों को रद्द कर दिया है। हालांकि पीठ ने यह भी कहा है कि 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों संबंधी कोविड-19 से जुड़े खास दिशा निर्देश बुजुर्गों के अलावा फिल्म और टीवी उद्योग के सभी उम्र के लोगों पर भी लागू होंगे।
दो याचिकाओं की सुनवाई के तहत आया फैसला:
उच्च न्यायालय की पीठ का यह फैसला दो याचिकाओं को लेकर सुनवाई करते हुए दिया है। पहली याचिका फिल्म एवं टीवी कलाकार प्रमोद पांडे की ओर से दायर की गई थी जिनकी उम्र 70 साल हैं। वहीं दूसरी याचिका अशोक सरावगी के जरिए भारतीय मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर एसोसिएशन की ओर से दायर की गई थी। इन दोनों ही याचिकाओं में ‘मिशन बिगिन अगेन’ के तहत राज्य सरकार की ओर से जारी प्रस्ताव को चुनौती दी गई थी।
महाराष्ट्र सरकार के तर्क पर न्यायालय ने उठाए सवाल:
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने अदालत को बताया था कि सरकार ने लोगों की ‘भलाई’ और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह प्रस्ताव जारी किए गए थे और यह निर्णय कलाकारों के हित के लिए था क्योंकि बाहर निकलने से उन्हें संक्रमण का खतरा हो सकता है। हालांकि अदालत ने इस पर राज्य सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि इस प्रस्ताव में टीवी और फिल्म कलाकारों को ही शामिल क्यों किया गया है?
न्यायालय ने कहा, 'अन्य क्षेत्रों में 65 साल से ज्यादा के कर्मियों को काम पर जाने, दुकान खोलने समेत अन्य काम करने की अनुमति दी गई है और कलाकारों को नहीं राज्य सरकार का फैसला ‘भेदभाव’ जैसा प्रतीत हो रहा है।' इसी तर्क के साथ उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के प्रस्ताव को रद्द कर दिया।