- सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर सुनकर रतन राजपूत सदमे में चली गई थीं।
- अब रतन राजपूत हिम्मत जुटाकर सुशांत पिता केके सिंह से मिलने पटना पहुंचीं।
- रतन ने सुशांत के पिता के बारे में बताया कि वह दर्द में है और ज्यादा बात नहीं करते।
टीवी अदाकारा रतन राजपूत अचानक हुई सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर सुनकर सदमे में चली गई थीं। अब फाइनली अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो फेम रतन राजपूत ने हिम्मत जुटाई और वो उनकी फैमिली से मिलने पटना पहुंचीं। रतन राजपूत ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने सुशांत के पिता से मुलाकात का जिक्र किया है। वीडियो में रतन ने इस बात की जानकारी दी है कि कैसे सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने जिंदगी को लेकर उन्हें समझाइश और ताकत दी है।
टीवी एक्ट्रेस रतन राजपूत ने वीडियो शेयर कर बताया, 'मैं सुशांत के निधन की खबर से बहुत डिसटर्ब थी और किसी से भी बात नहीं करना चाहती थी। हालांकि अब मैं ठीक हूं इसीलिए मैंने अपने फैन्स के लिए ये एक छोटा सा वीडियो बनाया है। जब मैं सुशांत के पटना वाले घर उनके पिता से मुलाकात करने गई तो डरी हुई थी कि आखिर क्या बात करूंगी? कैसे मैं श्रद्धांजलि दूंगी? लेकिन जब मैं सुशांत के घर पहुंची बीते रोज तो चीजें एकदम अलग थीं। मेरी नर्वसनेस दूर चली गई बल्कि अंकल(सुशांत के पिता) से बात करने के बाद मैं और मजबूत हो गई।'
सुशांत के पिता से मिली रतन को ताकत
रतन राजपूत ने वीडियो में बताया, 'मुझे अहसास हुआ कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी जीवन कैसे आगे बढ़ता है और आपको कैसे आगे बढ़ना है। मुलाकात के बाद कुछ तो था मुझमें अंदर जो पूर्ण रूप से बदल गया है। मैं अपने सामान्य जीवन में अब काफी मजबूत महसूस कर रही हूं। कुछ दिनों से मैं जीवन में बहुत लो महसूस कर रही था और लेकिन अब मैं वापस आ गई हूं। मैं सुशांत के पिताजी से केवल एक ही बात कह सकती थी। अंकल, मैं अक्सर पटना आती हूं और अब जब भी मैं अपने गृहनगर जाऊंगी, हमेशा आपसे मिलने आती रहूंगी। यह सच है जब भी मैं पटना आऊंगी तब मैं हमेशा उनसे मिलूंगी।'
वह दर्द में है ज्यादा बात नहीं करते - रतन राजपूत
वीडियो में रतन ने बताया, 'मुझे अहसास हुआ है कि मैं हमेशा अपनी मां के साथ हल्के मुद्दों पर बात करती हूं, लेकिन कभी भी वास्तविक मुद्दों के बारे में नहीं बताती। मैं साझा नहीं करती कि किसी चीज से गुजर रही हूं लेकिन अब महसूस किया है कि आपको अपनी समस्याओं को अपने माता-पिता के साथ साझा करना चाहिए। वे कभी चिंतित नहीं होंगे। वास्तव में, वे जुड़ाव महसूस करेंगे और बातचीत में हिस्सा लेंगे। मेरी मां ने मुझसे कहा कि तुम बच्चों को लगता है कि हम बहुत कमजोर हैं, लेकिन तुम्हें अहसास नहीं है कि हमने तुम्हें पाला है और बड़ी समस्याओं से गुजरे हैं। यह सिर्फ सुशांत के डैड की वजह से ही संभव हो पाया है। वह बहुत अलग है, वह दर्द में है ज्यादा बात नहीं करते हैं लेकिन बिना बात किए कई चीजों को कम्युनिकेट करते हैं। उन्होंने मुझे जीवन के प्रति नया नजरिया दिया और सकारात्मकता प्रदान की है। मैं बस प्रार्थना करती हूं कि उन्हें भगवान से ताकत मिले ताकि वह लोगों को प्रेरित करते रहें।