- बचपन से ही अभिनेता बनना चाहते थे टीवी के आत्माराम भिडे उर्फ मंदार चंदवाडकर
- दुबई में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर एक्टर बनने आ गए थे भारत
- कई साल थिएटर करने के बाद 2008 में मिला तारक मेहता का उल्टा चश्मा में काम करने का मौका
मुंबई: हर दिन कई कलाकार मुंबई में एक्टर बनने के लिए आते हैं और अभिनय की दुनिया के सपने देखते हैं। लेकिन केवल कुछ ही अपने सपनों को साकार कर पाते हैं। टीवी पर सबसे लंबे समय तक चलने वाले शो में से एक तारक मेहता का उल्टा चश्मा ऐसे कई अभिनेताओं को मौका दिया था जो इंडस्ट्री में शुरुआत कर रहे थे और देखते ही देखते घर घर में पहचाने जाने लगे। 2008 में प्रीमियर होने के बाद, यह एक हिट टीवी शो बन गया और अब भी जारी है।
आज हम तारक मेहता शो के एक ऐसे किरदार की असल जिंदगी के बारे में बात करेंगे जो बार बार अपने आपको गोकुलधाम सोसाएटी का एकमेव सेकेटरी कहते नजर आते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं आत्माराम तुकाराम भिडे के नाम से पहचाने जाने वाले मंदार चंदवाडकर की।
छोड़ी दुंबई में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की नौकरी:
मंदार का अभिनय को लेकर जुनून इतना ज्यादा था कि उन्होंने अपने सपने को आगे बढ़ाने के लिए दुबई में नौकरी छोड़ दी। भिड़े उर्फ मंदार चंदवाडकर एक मैकेनिकल इंजीनियर थे और दुबई में उनकी अच्छी-खासी नौकरी थी। लेकिन अभिनेता ने अपने अभिनय के सपने को पूरा करने के लिए अपने पेशे को अलविदा कहा और उनका यह फैसला उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव लेकर आया।
उन्होंने एक इंटव्यू में इस बारे में बात की थी और बताया था कि साल 2000 में अभिनेता ने अपनी नौकरी छोड़ दी थी और अपने सपने का पीछा करने के लिए भारत आ गए। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि वह हमेशा अभिनय को लेकर भावुक और समर्पित थे। अपने बचपन के दिनों से वह पर्दे पर आना चाहते थे। और उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और सही फैसलों से इसे संभव बनाया।
इंटव्यू में बोले टीवी के आत्माराम भिडे...
मंदार ने ईटाइम्स को बताया, 'मैंने 2008 तक संघर्ष किया। मैं पेशे से एक मैकेनिकल इंजीनियर हूं और दुबई में काम कर रहा था। मैंने अपनी नौकरी छोड़ दी और 2000 में भारत लौट आया क्योंकि मैं अभिनय में अपना कैरियर बनाना चाहता था। बचपन से ही अभिनय हमेशा मेरा जुनून रहा है। कई थिएटर नाटकों को किया, लेकिन ऐसा मौका नहीं मिला जिसकी मुझे ज़रूरत थी। उद्योग में बहुत काम है लेकिन मैं सही मौके का इंतजार कर रहा था और इस शो के माध्यम से मुझे 2008 में यह मौका मिला।'
तारक मेहता का उल्टा चश्मा के साथ, मंदार घर घर में जाना जाने वाला नाम बन गए हैं। आज वह इस बात को लेकर बहुत खुश है कि वह जीवन में जो करना चाहते थे वह काम यानी अभिनय कर रहे हैं।