- शरद केलकर ने अपने करियर के शुरुआती दिनों को लेकर बात की।
- अभिनेता शरद केलकर ने बताया- मैं बचपन से ही हकलाता था।
- इस समस्या की वजह से शरद केलकर को शोज से भी रिप्लेस किया जाता था।
अभिनेता शरद केलकर ने हाल ही में खुद के जुड़े कई खुलासे किए हैं। शरद केलकर टीवी अभिनेता और होस्ट मनीष पॉल के पॉडकास्ट शो में पहुंचे थे यहां उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों को लेकर बात की और कुछ मोटिवेशनल खुलासे किए। बाहुबली फिल्म में वाइस ओवर देने वाले अभिनेता शरद केलकर ने अब तक कई टीवी शोज, फिल्मों और वेब सीरीज में काम किया है।
शरद केलकर ने बताया कि कैसे वह बचपन से हकलाते थे। यहां तक कि इस वजह से उनको टीवी शोज में भी रिप्लेसमेंट का शिकार होना पड़ा था। हालांकि अपने डेब्यू टीवी शो सिंदूर तेरे नाम का में काम करते वक्त शरद इससे उबर गए थे।
अभिनेता शरद केलकर ने बताया, 'मैं बचपन से ही हकलाता था। हम अपनी मां को मराठी में 'आइ' कहते हैं। मुझे उसे 'आई' कहने में दिक्कत होती थी। मैं अपने दोस्तों के सामने भी काफी अपमानित महसूस करता था। वे कहते- तुम्हें यह कहने में दो दिन लगेंगे। चुप रहना...। मैं कभी मंच पर नहीं जा सका।'
हकलाने की वजह से रिप्लेस हुए शरद
शरद केलकर बताते हैं कि मैं गाया करता था। लेकिन हकलाना मेरे जीवन में एक समस्या थी। हालांकि मैं इसे किसी तरह मैनेज कर रहा था और आगे बढ़ रहा था। लेकिन जब एक्टिंग की बात आई तो मैंने सोचा कि अगर मैं एक पेज का सीन करते हुए हकलाता हूं, तो जिंदगी खत्म हो जाएगी। उस समय तक मेरे पास जो आवाज है, मुझे उसका आभास नहीं हुआ और न ही लोगों को पता चला। इसलिए मुझे रिप्लेस किया गया। मैंने इसे खुशी से स्वीकार किया लेकिन फिर मैंने इसे ठीक करने के बारे में सोचा।
अमिताभ बच्चन से ली प्रेरणा
टीवी शोज से रिप्लेस होने के बाद शरद केलकर को एक और शो सिंदूर तेरे नाम का मिला। शरद ने खुलासा किया, 'तब मैं अपनी पत्नी (कीर्ति केलकर) से मिला। मैं भी खुशकिस्मत हूं कि मुझे अपने पहले शो के कुछ अद्भुत लोगों से मिलने का मौका मिला, जिन्होंने मुझे इससे उबरने में भी मदद की। इस सीरियल में काम करते हुए जयति भाटिया, किशोरी शहाणे, प्राचीन, सचिन मिले। उन्होंने मेरे साथ बहुत धैर्य से काम लिया और काफी मौके दिए। मेरे निर्देशक पवन साहू थे। उन्होंने मुझे बहुत मौके दिए। इसलिए मैं इससे उबरने के लिए प्रेरित हुआ और सोचा कि इसका कोई समाधान अवश्य होना चाहिए। इसके बाद अमिताभ बच्चन के सांस लेने के पैटर्न पर ध्यान दिया और हकलाने की परेशानी पर काम करना शुरू किया।'