- एक्ट्रेस श्वेता तिवारी ने की हैं दो शादियां।
- श्वेता ने बताया उनकी असफल शादियों का बच्चों पर क्या पड़ा असर।
- श्वेता ने बताया कि उनकी बेटी पलक ने उन्हें पिटते हुए देखा है।
टीवी एक्ट्रेस श्वेता की पर्सनल लाइफ काफी उतार- चढ़ावों से भरी रही है। श्वेता ने दो शादियां की लेकिन उनमें से कोई भी सफल नहीं रही। उन्होंने 19 साल की उम्र में एक्टर राजा चौधरी से शादी की थी और जल्द ही दोनों की बेटी पलक का जन्म हुआ।
श्वेता ने राजा पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया और शादी के 9 साल बाद ही दोनों का रिश्ता खत्म हो गया। साल 2007 में वो अलग हो गए। इसके बाद साल 2013 में श्वेता ने अभिनव कोहली से शादी की और दोनों का एक बेटा रेयांश भी हुआ लेकिन श्वेता की ये शादी भी लंबे समय तक नहीं टिक सकी। अब एक्ट्रेस ने अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बात करते हुए कहा कि इसका उनके बच्चों पर खराब असर पड़ा है।
पलक ने मुझे पिटते हुए देखा
श्वेता ने हाल ही में बॉलीवुड बलल से बात की और इस दौरान अपनी बेटी पलक के बारे में बात करते हुए कहा, 'उसने मुझे पिटते देखा, उसने महिलाओं को आते हुए देखा। जब वो 6 साल की थी तभी उसने सब देख लिया था और मैंने यह कदम उठाने का फैसला किया। पलक ने वो ट्रॉमा देखा है, उसने पुलिस को घर आते देखा है, अपनी मां को पुलिस के पास जाते देखा है।'
पुलिस को जानता है 4 साल का बेटा
श्वेता ने बेटे रेयांश के बारे में कहा, 'मेरा बेटा केवल 4 साल का है और वो पुलिस व जज के बारे में जानता है और यह सब केवल मेरी वजह से नहीं है।' उन्होंने कहा कि वो चाहकर भी अपने बच्चों को इन सबसे दूर नहीं रख सकतीं क्योंकि खुद को बचाने के लिए केवल यही एक रास्ता है।
बच्चों को है दर्द छिपाने की आदत
श्वेता ने अपने बच्चों के बारे में बात करते हुए कहा कि इसका उनपर गलत असर पड़ा है। श्वेता ने कहा, 'मेरे दोनों बच्चों में दर्द छिपाने की आदत है। वो मुझे नहीं दिखाते कि वो दुखी हैं। मुझे समझ नहीं आता कि जब उनके आसपास इतना सब चल रहा है तब वो इतने खुश कैसे हैं। तो कभी- कभी मुझे लगता है कि क्या ये छिपाने की कोशिश कर रहे हैं? क्या मुझे इन्हें काउंसिलर के पास ले जाकर पता करना चाहिए कि क्या ये अपनी भावनाओं को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं?'
गलत पुरुषों को चुना
इस इंटरव्यू में श्वेता ने कहा कि गलत पुरुषों का चुनाव करने के कारण उनके बच्चों को यह सब देखना पड़ा। श्वेता ने कहा, 'यह उनकी नहीं मेरी गलती थी। लेकिन वो मेरे साथ मजबूती से और मुस्कुराते हुए झेल रहे हैं। मैं उन्हें कभी नहीं कहती कि अपने पिता से बात मत करो, लेकिन वो उनसे बात नहीं करते और मैं इसकी वजह नहीं जानती। वो डर जाते हैं, वो इस ट्रॉमा से डर जाते है। वो खुश रहना चाहते हैं और मैं इसके लिए उन्हें दोषी नहीं मानती।'