- अधिक समय तक नौकरी करने के लिए जन्मतिथि में भी की हेराफेरी
- नियुक्ति के वक्त अपात्र होने के बाद भी बना था चौकीदार
- इसमें अन्य लोगों के भी शामिल होने की जताई जा रही आशंका
Faridabad News: हथीन में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बाद यह कहना मुनासिब होगा कि फर्जीवाड़े की कोई सीमा नहीं होती। हथीन में एक शख्स ने फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए बैंक में नौकरी पा लिया और जब पकड़ में नहीं आया तो वह प्रमोशन पा कर बैंक मैनेजर बन गया। इसका यह फर्जीवाड़ा 24 साल बाद तब सामने आया जब वह सीएम विंडो पर शिकायत हुई। जांच में इसके प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए तब धोखाधड़ी का केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
कोऑपरेटिव सोसायटी बैंक उटावड के मैनेजर हाजर खान फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर बैंक में किसी प्रकार चौकीदार बन गया। अपने जालसाजी के आधार पर यह प्रमोशन पा कर बैंक में मैनेजर का पद हासिल कर लिया।
जन्मतिथि में करा दिया था बदलाव
हाजर खान लगभग 24 साल नौकरी करता रहा। लेकिन सीएम विंडो पर शिकायत के आधार पर जांच शुरू हुई तो सबके होश उड़ गए। उसने न सिर्फ दसवीं फेल का फर्जी प्रमाण-पत्र लगाया था, बल्कि अधिक समय तक नौकरी में रहे इसके लिए उसने जन्मतिथि में भी बदलाव कर दिए थे। अब धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच चल रही है। सिर्फ इतना ही नहीं चयन के समय भी आरोपी उक्त नौकरी के लिए अपात्र होना बताया जा रहा है, जिसके बाद इस मामले में कुछ और लोगों के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। इसको लेकर बैंक प्रबंधन के द्वारा भी आरोपी के रिकॉर्ड की जांच हो रही है।
लंबी अवधि तक नौकरी के लिए जन्मतिथि में की गई थी हेरा फेरी
बैंक के मैनेजर हाजर खान के मामले की जांच दो जनपदों के जिला शिक्षा अधिकारियों के द्वारा किया गया। अधिकारियों के जांच रिपोर्ट के बाद आरोपी के खिलाफ मामला पंजीकृत हुआ। बताया जा रहा है कि हाजर खान ने फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर लगभा 24 वर्षों से नौकरी कर रहा था। सिर्फ इतना ही नहीं इस नौकरी की अवधि भी अधिक हो, इसके लिए उसने अपने जन्मतिथि में भी बदलाव किए थे। जांच के पश्चात् पलवल के डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर ने हथीन के विभागीय अधिकारी को हाजर खान के खिलाफ आलीमेव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य के माध्यम से धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए, जिसके बाद बहीन थाना में मामला दर्ज हुआ है।
एक ही व्यक्ति का पाया गया दो जन्मतिथि
दरअसल यह शिकायत टोंका निवासी असरूद्दीन द्वारा की गई थी। जांच में यह तथ्य सामने आया कि आलीमेव स्थित स्कूल में कक्षा एक में एडमिशन लेते समय उसकी जन्मतिथि 22 अगस्त 1963 थी। सिर्फ इतना ही नहीं उसी विद्यालय में दसवीं में जन्मतिथि 10 अगस्त 1968 हो गई। एक ही व्यक्ति की दो जन्मतिथि होने पर नया मोड़ आया पता चला कि न सिर्फ इसका प्रमाण पत्र फर्जी है बल्कि इसमें दर्ज जन्मतिथि में भी बदलाव किया गया है। दरअसल, जांच में हाजर खान के कभी इस विद्यालय में पढ़ाई नहीं होने की बात सामने आई। इन रिपोर्टों के आधार पर ही मामला दर्ज हुआ है।