- अब थाने में दर्ज कराया झूठा मुकदमा तो होगी सख्त कार्रवाई
- फरीदाबाद पुलिस बना रही है झूठा मुकदमा दर्ज कराने वालों की लिस्ट
- पुलिस का मानना, कई लोग झूठ मुकदमा दर्ज कराकर ऐंठते हैं पैसे
Faridabad News: फरीदाबाद पुलिस को झूठी शिकायत देना अब आप पर भारी पड़ सकता है। यहां की पुलिस झूठी शिकायत देकर पुलिस और अदालत का समय बर्बाद करने वालों पर अब सख्त हो गई है। फरीदाबाद के अंदर पुलिस ने दो महीने में ऐसे झूठी शिकायत देने वाले 40 लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए है। इसके साथ ही सभी थानों को ऐसे लोगों की पहचान कर लिस्ट बनाने का निर्देश दिया गया है, जो इस तरह की झूठी शिकायतें देते व दिलवाकर पुलिस का समय बर्बाद करते हैं।
पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा की तरफ से जारी निर्देश में ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने को कहा गया है। पुलिस के अनुसार, जिले के अंदर फरवरी और मार्च महीने में पुलिस जांच में झूठे पाए जाने पर 40 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें 15 मुकदमे फरवरी तथा 25 मुकदमे मार्च में दर्ज किए गए। आगे भी ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है।
झूठे आरोप से सामाजिक प्रतिष्ठा को लगता है आघात
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शहर में इस समय कुछ लोग कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। ऐसे लोगों कानूनी दांवपेच अजमा कर झूठी शिकायतें देते हैं और बाद में समझौते के नाम पर पैसे लेते हैं। इससे जहां पुलिस और अदालत का समय बर्बाद होता है, वहीं हत्या, चोरी, दुराचार, अश्लील हरकतें और नाबालिग बच्चों से यौनाचार जैसे झूठे मामलों में फंसे आरोपितों को परिवार और समाज में अपमानित होना पड़ता है।
साथ ही, उन्हें पुलिस कार्रवाई के तहत गिरफ्तारी, जमानत और अन्य प्रकियाओं से भी गुजरना पड़ता है, जिससे उनकी जिंदगी पूरी तरह बर्बाद हो जाती है। बाद में जब उनके खिलाफ आरोप झूठे पाए जाते हैं, तो वे समाज और परिवार को अपनी सफाई तक पेश नहीं कर पाते, लोग उनकी बातों का विश्वास नहीं करते। झूठे मामलों से लोगों को ब्लैकमेल भी किए जाने की प्रवृत्ति बढ़ी है।
पुलिस और अदालत का समय होता है बर्बाद
फरीदाबाद पुलिस द्वारा जारी निर्देश में पुलिस अधिकारियों से कहा गया है कि, झूठे मुकदमों से पुलिस और अदालत का समय और साधन बर्बाद होता है। इसलिए सभी थाना और चौकी प्रभारी अपने क्षेत्र में ऐसे लोगों की पहचान करें जो इस तरह के मामलों में लिप्त रहते हैं। उन पर सख्त एक्शन लिया जाए। साथ ही पुलिस ने लोगों से आग्रह किया है कि, वे पुलिस को तथ्यों पर आधारित सच्ची शिकायतें ही दें।