- ठगी करने वाले गिरोह का सरगना है मात्र 10वीं पास
- पहले खुद करता था फर्जी कॉल सेंटर में कॉल, यहीं से सीखी साजिश
- एसबीआई के टोल फ्री कस्टमर केयर नंबर से करते थे ग्राहकों से ठगी
Faridabad News: कॉल स्पूफिंग के माध्यम से एसबीआई के ग्राहकों के साथ ठगी करने वाले गिरोह से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। इस गिरोह को चलाने वाला सरगना कामिल अब्बास महज दसवीं कक्षा तक पढ़ा है। लेकिन वह इस फर्जी कॉल सेंटर में ठगी के लिए अंग्रेजी बोलने वाले ग्रेजुएट युवाओं को ही जॉब पर रखता था। बता दें कि एनआईटी साइबर थाना पुलिस ने हाल ही में इस गिरोह के सरगना दिल्ली के उत्तम नगर निवासी कामिल, यूपी के बरेली निवासी रहबर अली और उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में रहने वाले मोहम्मद अनीस को गिरफ्तार किया था।
जिसके बाद से पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ कर रही थी। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि इन आरोपियों ने अब तक सैकड़ों लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी की है। एनआईटी साइबर थाना प्रभारी बसंत कुमार ने बताया कि इस गिरोह को चलाने वाला कामिल पहले एक फर्जी कॉल सेंटर में जॉब करता था। वहां पर उसने ठगी के तरीके सीखे और वहां से नौकरी छोड़कर एक फ्लैट किराये पर लिया और ठगी करनी शुरू की।
कर्मचारियों को देते अच्छी सैलरी
पुलिस ने बताया कि कामिल खुद ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था, इसलिए वह ठगी के लिए ग्राहकों को फोन नहीं करता था। फोन करने के लिए वह कॉलिंग स्टाफ के लिए विज्ञापन देता था। जिसमें उसने योग्यता के रूप में ग्रेजुएशन के साथ अनिवार्य अंग्रेजी स्पीकिंग मांगता था। आरोपी अपने यहां जॉब पर रखने वाले लड़के-लड़कियों को अच्छी सैलरी देता था। पुलिस ने बताया कि गिरोह के सदस्य कॉल स्पूफिंग ऐप के जरिये एसबीआई का टोल फ्री कस्टमर केयर नंबर बनाकर लोगों को कॉल करते थे। आरोपी खुद को एसबीआई बैंक का कर्मचारी बताकर क्रेडिट कार्ड की जानकारी ले लेते थे। लोग भी एसबीआई का नंबर देखकर इन ठगों के झांसे में आ जाते थे।
डेढ़ साल में कर डाली करोड़ों की ठगी
साइबर पुलिस ने बताया कि इस गिरोह को चलाने वाला मुख्य आरोपित कामिल अब्बास अभी सिर्फ 24 साल का है। लेकिन आरोपी के बैंक खातों की जांच में पता चला है कि वह हरियाणा के अलावा दिल्ली, यूपी, पंजाब में सैकड़ों लोगों के साथ करोडों की ठगी कर चुका है। साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि यह आरोपित पिछले डेढ़ साल से साइबर अपराध कर रहा था। यह पहली बार पकड़ा गया है।